आगरा। बालूगंज स्थित होटल संचालक के मकान में शनिवार रात किसी ने कुछ फेंका था। इसी के बाद जोरदार धमाका हुआ। पीडि़त परिवार ने थाना रकाबगंज में दी तहरीर में इसका खुलासा किया है। वहीं धमाके की दहशत क्षेत्रीय लोगों के चेहरे पर अब भी साफ देखी जा सकती है। स्थानीय एजेंसियों के साथ इंटेलीजेंस ब्यूरो और आर्मी इंटेलीजेंस ने भी सिटी में डेरा डाल दिया है। हर बिन्दु पर जांच की जा रही है।

होटल के पीछे बना है मकान

मंजीत सिंह का बालूगंज में होटल रिलेक्स है। होटल के बराबर से ही उनका मकान है। परिवार में मंजीत अपनी पत्‍‌नी प्रीति, बेटे करनजीत व बेटी नेहा, सिमरन, निक्की और उनके बड़े भाई बलजीत अपनी पत्‍‌नी इंद्रजीत व बेटे प्रिंस के साथ यहां रहते हैं। मंगलवार को मंजीत पत्‍‌नी व बेटे के साथ अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर दर्शन करने गए थे, जबकि तीनों बेटियां घर पर ताऊ बलजीत के पास रह गई थीं।

दो युवकों ने फेंका कुछ

बड़े भाई बलजीत ने बताया कि शनिवार रात 11.45 बजे वह टीवी देख रहे थे। पत्‍‌नी कुछ काम कर रही थी। मंजीत की बेटी सिमरन गैलरी में थी। निक्की वाशरूम में थी। बलजीत का बेटा प्रिंस घर से बाहर था। तभी गली से दो युवक आए। उन्होने घर में कुछ फेंका। इसी के बाद तेज धमाका हुआ। प्रिंस दौड़ता हुआ घर की तरफ आया। तब तक वहां से दो युवक बाइक पर सवार होकर भाग गए। धमाका इतना जबरदस्त था कि मकान के परखच्चे उड़ गए।

अरदास करने गए थे

परिवारीजन मलबे में दब गए। निक्की व सिमरन की मौत हो चुकी थी, जबकि अन्य परिजन गंभीर रूप से घायल थे। 17 वर्षीय सिमरन बीकॉम फ‌र्स्ट ईयर और 19 वर्षीय निक्की बीकॉम सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी। नेहरू एंक्लेव निवासी बड़े भाई सुरेंद्र सिंह ने बताया कि भाई मंजीत रविवार दोपहर ढाई बजे घर आ गए थे। भाई स्वर्ण मंदिर में अरदास करने गए थे। घर में आते ही जब बेटियों का शव देखा तो चीख- पुकार मच गई।

सुरक्षा एजेंसियों ने डाला डेरा

इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं। मौके से मलबे में दबे देशी बमों के खोखे बरामद हुए हैं। लोगों का कहना था कि इनके यहां पर बम-पटाखे भी बेचे जाते रहे हैं। मौके पर आईबी, एटीएस, आर्मी इंटेलीजेंस व एलआईयू जांच कर रही है। बीडीएस टीम ने खाली खोखों के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं।

कुछ देर के लिए लगा भूकंप

घर के सामने विनोद कुमार श्रीवास्तव अपनी पत्‍‌नी विजय के साथ ऊपरी मंजिल के कमरे में सो रहे थे। उस दौरान तेज धमाके से गैलरी में लगा दरवाजा उड़ कर कमरे में आ गया। उन्हें लगा कि भूकंप आ गया। वहीं पड़ोस में रहने वाली आशा बंसल पत्‍‌नी स्व। कमलेश अपने बेटों के साथ रहती हैं। वह टीवी देख रही थीं। इनके घर की खिड़की के शीशे चटक गए। पड़ोसी इंद्र सिंह के मकान का एक हिस्सा धराशायी हो गया। आस-पास के अधिकतर घरों की चौखट उखड़ गई। लोगों का लगा कि भूकंप आ गया। वह घरों से बाहर निकल आए।

कुछ देर पहले गुजरी शोभायात्रा

कुछ देर पहले ही धमाके वाली जगह के सामने से शोभायात्रा निकली थी। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल थे। क्षेत्रीय लोगों का कहना था कि अगर शोभायात्रा के दौरान विस्फोट होता तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।

पहले भी हुई हैं घटनाएं

आगरा में विस्फोट की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पूर्व भी कई बार विस्फोट हुए हैं। सिटी में आतंकी भी पकड़े जा चुके हैं।

1. 17 सितम्बर 2011 में भगवान टॉकीज के पास स्थित जय हॉस्पिटल के बाहर विस्फोट हुआ था।

2. 17 दिसम्बर 2012 में एत्माउद्दौला स्थित विशाल ढाबे पर टाइम बम मिला था, जो समय रहते निष्क्रिय कर दिया था।

3. मई 2013 में न्यू आगरा नगला बूढ़ी में कूड़े के ढेर में विस्फोट होने से मजदूर का हाथ उड़ गया था।

4. ताजगंज से पुलिस ने आतंकी पकड़े थे।

5. बालूगंज के केजीएन होटल में आतंकी रह चुके हैं। पकड़े जाने पर उन्होंने यह बात स्वीकार की थी।