निर्यात करने की मिली इजाजत
मैगी विवाद पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने नेस्ले को थोड़ी राहत दे दी है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मैगी के निर्यात को मंजूरी दे दी है। नेस्ले ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मैगी की गुणवत्ता पर आदेश को लेकर न्यायिक समीक्षा की अपील करते हुए इस पर बैन हटाने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने महाराष्ट्र में इससे प्रतिबंध हटाने से इन्कार कर दिया था। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

17 हजार करोड पैकेट होंगे नष्ट
नेस्ले के वकील इकबाल छागला ने बताया कि, इस महीने के आखिर तक कंपनी 17 हजार करोड़ मैगी पैकेट नष्ट कर देगी। इसमें से 11,000 करोड़ पैकेट मार्केट से वापस मंगाए जा रहे हैं। फिलहाल नेस्ले का यह भी कहना है कि, यह पाबंदी अनधिकृत, मनमानापूर्ण और असंवैधानिक है। इसमें प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन किया गया क्योंकि उसे उचित सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। FSSAI ने उसके इस दावे का खंडन भी किया।

एमएसजी में फंस गई मैगी
FSSAI ने इस माह की शुरुआत में एक आदेश जारी कर नेस्ले इंडिया के मैगी नूडल्स की सभी किस्मों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी करते हुए इसे मानव के खाने के लिए असुरक्षित व खतरनाक बताया था। परीक्षणों में मैगी में स्वाद बढ़ाने वाले मोनोसोडियम ग्लूटामेट तथा सीसा तय मात्रा से अधिक पाया गया था। उसके बाद कई राज्यों ने मैगी पर प्रतिबंध लगा दिया था। महाराष्ट्र सरकार ने भी मैगी नूडल के कुछ नमूनों में सीसा तय सीमा से अधिक पाए जाने के बाद इस पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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