सरकारी मीडिया के अनुसार एलप्पो शहर के सुरक्षा परिसरों में दो बम गिराए गए जिसमें 28 लोग मारे गए और 235 से अधिक लोग घायल हैं।

सरकारी टीवी के अनुसार मरने वालों में सुरक्षा बलों के लोग और आम आदमी भी शआमिल हैं। सरकार ने इन बम हमलों के लिए ‘हथियारबंद आतंकवादी गुटों’ को ज़िम्मेदार ठहराया है।

सरकारी मीडिया ने हमले के तुरंत बाद वीडियो फुटेज चलाना शुरु किया था। सरकारी सेनाओं का विरोध कर रहे फ्री सीरियन आर्मी का कहना है कि वो इन हमलों के लिए ज़िम्मेदार नहीं है।

एफएसए के कर्नल मलिक अल कुर्दी ने बीबीसी अरबी को बताया कि वो एलप्पो में सरकार समर्थित शबीहा चरमपंथी गुट पर नज़र रखे हुए हैं।

कुर्दी का कहना था कि इस बम हमले की ज़िम्मेदारी सरकार की है। उनका कहना था, ‘‘ हम सुरक्षा बलों और चरमपंथी गुटों पर नज़र रखे हुए थे। वो जब नमाज के लिए इकट्ठा हुए तो हमने छोटे हथियारों से उन पर हमला किया था। ज़बर्दस्त लड़ाई के बाद धमाका हुआ। हमें समझ नहीं आया कि ये धमाका कैसे हुआ। ये सरकार का काम है जो हम पर दबाव बना रही है.’’

एफएसए के प्रवक्ता कर्नल माहिर नोमानी ने एएफपी से कहा, ‘‘ आपराधिक प्रशासन हमारे बच्चों को होम्स में मार रहा है और अब एलप्पो को निशाना बना रहा है.’’ विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वो विद्रोह को दबा रही है।

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