JAMSHEDPUR: टाटा मोटर्स कर्मचारियों के सालाना बोनस पर प्रबंधन-यूनियन के बीच सहमति नहीं बन रही है। दोनों के बीच हुई 9 दौरे की वार्ता के बाद प्रबंधन पहले 8.म् से 9.भ् फिर क्0 फीसद पर समझौते करने को प्रस्ताव दिया है। जबकि यूनियन पिछले साल से ज्यादा लेने की बात करते हुए ख्0 फीसद बोनस की मांग पर अड़ी हुई है। दोनों के बीच इसी तरह की जिद रहा तो कर्मचारियों को दुर्गापूजा तक बोनस नसीब नहीं होगा। बीते साल पूजा शुरू होने के एक सप्ताह पूर्व बोनस पर मुहर लगी थी, वह भी समय निकट आते जा रहा है। यूनियन महामंत्री प्रकाश कुमार का कहना है कि कर्मचारियों की मांग को देखते हुए सम्मानजनक बोनस कराना यूनियन की प्राथमिकता होगी।

यूनियन पर दबाव

उधर टाटा स्टील में बोनस समझौते होने से यहां की यूनियन पर दबाव बढ़ गया है। समय रहते समझौते कराने की मांग पहले से ही उठती रही है। कर्मचारियों का कहना है कि बीते साल की अपेक्षा कंपनी को ज्यादा मुनाफा हुआ है, जिसका लाभ कर्मचारियों को मिलना चाहिए। बीते वर्ष कंपनी को घाटे होने के बावजूद क्0 फीसद बोनस व फ्ख्क् बाई सिक्स को स्थायी किया गया था। लेकिन इस बार कंपनी को ख्फ्ब् करोड़ का मुनाफा हुआ है इसे लेकर बीस फीसद बोनस होना चाहिए। ख्0क्भ् में बोनस कम होने का पिटारा पांच नेताओं पर फोड़ा जा रहा, लेकिन इस समय बोनस वार्ता को लेकर पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है बावजूद सम्मानजनक बोनस नहीं होने पर कमेटी मेंबर अपने-अपने पद से इस्तीफा देने की बात कर रहे हैं।

नहीं उठा अस्थायी कर्मियों का मुद्दा

बोनस को लेकर प्रबंधन-यूनियन की बीच हुई नौ दौरे की वार्ता में अस्थायी कर्मियों का मुद्दा नहीं उठा है। चाहे वह परमानेंसी का मामला हो या फिर बाई सिक्स को भी बोनस देने का मुद्दा। उत्पादन में आधे-आधे की हिस्सेदारी निभाने वाले इन कर्मचारीपुत्रों को शुरू से ही 8.फ्फ् के हिसाब से बोनस मिलते रहा है। बीते साल फ्ख्क् को स्थायी किया गया था, जो पिछले दस साल का रिकार्ड था। पहली बार इतनी संख्या में स्थायी हुआ था।

कमेटी मेंबरों के दबाव में पदाधिकारी

टेल्को यूनियन के पदाधिकारी कमेटी मेंबरों के दबाव में है। कमेटी मेंबरों ने उन्हें यहां तक अल्टीमेटम दिया है कि कम बोनस पर पहले वे अपने पद से इस्तीफे देंगे फिर कर्मचारियों के साथ मिलकर पदाधिकारियों का विरोध करेंगे। मेंबरों ने कहा है कि सम्मानजनक बोनस नहीं मिलने पर पदाधिकारी समझौता नहीं करें वर्ना उसका खामियाजा उन्हें भुगतना होगा।

टाटा हिताची में क्फ् तो यहां क्यों कम

बोनस वार्ता में यूनियन प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि टाटा हिताची बीते कई साल से घाटे में है, बावजूद वहां दो साल से क्फ् फीसद बोनस मिलता है। टाटा मोटर्स में (ख्0क्भ्-क्म्) ख्फ्ब् करोड़ का मुनाफा है तो यहां कम बोनस क्यों होगा?