- सट्टा बाजार ने सिटी में खिला दिया कमल का फूल, मोदी के रेट बना रहे उन्हें पीएम

- भाजपा प्रत्याशी पर लगा 90 पैसे का भाव

- हाथी भी है इस फाइट में शामिल

AGRA। साइकिल दौड़ रही है कि नहीं, हाथी चल रहा है या रुक गया है, हाथ में दम है या बैठ गया, झाड़ू सफाई करेगा या नहींइन डायलॉग्स को पढ़कर आप इतना तो समझ ही गए होंगे कि यहां किसकी बात हो रही है। यह वो जुमले हैं जो सट्टा बाजार में इन दिनों चल रहे हैं। ओपिनियन पोल से ज्यादा इन दिनों चुनाव सट्टे पर टिका हुआ है। सिटी के सटोरिए फूल को और गुलाबी बना रहे हैं तो हाथी को भी धीमी गति से आगे बढ़ा रहे हैं।

क्रिकेट पर भारी हैं चुनाव

हालांकि आईपीएल की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा चुनावों की हो रही है। सट्टा बाजार में हाथी, फूल, हाथ और साइकिल, इन्हीं की बातें हो रही हैं। हाथी फूल को रौदेंगा या हाथ साइकिल चलाएगा। इसी बात पर बहस हो रही है। क्रिकेट के सट्टे पर चुनावी सट्टे ने अपना कब्जा कर लिया है।

लगा करती थी आवाजें

सट्टा बाजार की जानकारी रखने वाले बताते हैं कि ख्009 के चुनावों में बाजारों में खुलेआम रेट खुला करते थे। पहले भी चुनावों में प्रत्याशियों और पार्टियों के लिए आवाजें लगा करती थीं। हाथी किस करवट बैठेगा या साइकिल कितनी तेज चलेगी। इस पर भाव तय होते थे। कुछ भी छिपा हुआ नहीं था। रोज शाम को सभी व्यापारियों के सामने रेट खुलते थे और सट्टा लगाने वाले अपने पैसे लगाते थे।

वाट्स एप पर बने हैं सटोरियों के ग्रुप हर चीज की तरह अब सट्टा बाजार भी हाईटेक हो गया है। अब सटोरिए अपनी गद्दियों पर नहीं बैठते हैं। बाजारों में अब पुरानी आवाजें नहीं आया करती हैं। सारा काम अब मोबाइल पर निपट जाता है। भाव भी मोबाइल पर ही तय होते हैं। अब तो वॉट्स एप ने सारी दिक्कत ही दूर कर दी है। रेट वॉट्स एप पर खुलते हैं। इनके ग्रुप बने हुए हैं। जो आपस में वॉट्स एप पर ही सूचनाएं इधर-उधर करते हैं।

सिटी में फाइट फूल और हाथी में

जानकारों की मानें तो इस समय फाइट फूल और हाथी में चल रही है। हाथी का वोट बैंक कहीं नहीं जाता। इसी तरह फूल के वोटर्स भी मछली की आंख की तरह सिर्फ फूल का बटन ही दबाते हैं। हाथी को आंख बंद करके वोट देते हैं। इसी तरह फूल वाले भी तय है, वो पार्टी को देखते हैं प्रत्याशी को नहीं देखते है। व्यापारी वर्ग भाजपा के साथ है क्योंकि कांग्रेस से उन्हें काफी दुख मिले हैं।

चलते हैं कोड वर्ड

सट्टा बाजार में कोई भी चीज खुलेआम नहीं होती है। पार्टी से लेकर प्रत्याशी तक के कोड वर्ड तय रहते हैं। सटोरियों ने सबके अलग कोड बना रखे हैं। रेट के भी कोड बने हुए हैं। रुपया नहीं खोलते, किसी ना किसी तरह से उसके भाव तय होते हैं।

कैसे लगता है सट्टा

अगर किसी प्रत्याशी पर एक रुपये के कम यानि मान लीजिए भ्0 पैसे या म्0 पैसे मिल रहे हैं तो उसके जीतने के चांस ज्यादा हैं। अगर एक रुपये के दो रुपये या इससे ज्यादा मिल रहे हैं तो वो प्रत्याशी रेस से बाहर है।

मुलायम नहीं बनेंगे पीएम

महिला सुरक्षा पर टिप्पणी देकर सभी की नजरों में चढ़े मुलायम सिंह को सिटी के सट्टा बाजार ने पीएम बनाने से इंकार कर दिया है। कम से कम उनके रेट तो यही बताते हैं। मुलायम का रेट एक का दस रुपये है।

फूल को खिला दिया सटोरिओं ने

सिटी के सटोरिओ ने फूल के रंग को और गुलाबी कर दिया है। सिटी में मोदी का भाव काफी शानदार चल रहा है। यहां मोदी के नाम पर क्म् पैसे का रेट चल रहा है। यानि मोदी के प्रधानमंत्री के चांस सबसे ज्यादा हैं। राहुल गांधी का रेट ढाई रुपये का है। इस रेस में राजनाथ सिंह का नाम भी है। लेकिन उनके रेट चार रुपये के हैं। पार्टी के हिसाब से भी बीजेपी को 80 से 90 पैसे का भाव मिला है।

भाजपा प्रत्याशी पर 90 पैसे का भाव

सट्टा बाजार में चल रहे रेट्स की मानें तो इस बार सिटी में फिर से फूल खिलने की उम्मीद है। भाजपा प्रत्याशी रामशंकर कठेरिया पर 90 पैसे का भाव है तो नरायन सिंह का क्.क्भ् रुपये का भाव है। बाकी पार्टियों के प्रत्याशियों की तो फाइट ही नहीं है क्योंकि उनके रेट तीन से चार रुपये तक के हैं।