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- गोरखपुर की मार्केट में नहीं मिल रही फॉरेन राइटर्स की बुक्स

- इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन बना सहारा

GORAKHPUR: 'फलां राइटर्स की बुक मेरे वहां नहीं है, वहां उस दुकान पर मिल सकती है', 'नहीं मेरी दुकान पर यह बुक नहीं है, फलां जगह चले जाइए'। गोरखपुर की बुक मार्केट में कोई खास बुक, खासकर फॉरेन राइटर्स की बुक्स खरीदने जाइए तो यही सुनने को मिलता है। लेकिन, इस हालत में परेशान होने की कतई जरूरत नहीं है। इस तरह की सारी बुक्स ऑनलाइन मौजूद हैं। कुछ बुक्स फ्री में पढ़ी जा सकती हैं, डाउनलोड या प्रिंट की जा सकती है तो कुछ को परचेज करनी होगी। यहां बुक्स को ढूंढना भी आसान है।

नहीं मिल रही पसंदीदा बुक्स

मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स पिछले दिनों जब भी मार्केट में अपनी पसंदीदा राइटर्स की बुक्स या कोर्स से जुड़े राइटर्स की बुक्स खरीदने के लिए जा रहे थे तो उन्हें निराशा ही हाथ लग रही थी। गोरखपुर के सबसे बड़े बुक्स मार्केट बक्शीपुर से लेकर अन्य एरियाज में बुक्स ढूंढने के बाद स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का सहारा लिया और उनकी सारी प्रॉब्लम्स अब सॉल्व हो गई है।

फॉरेन राइडर्स की बुक्स गायब

एमएमएमयूटी में सभी डिपार्टमेंट की लाइब्रेरी काफी एनरीच है। सभी फॉरेन और लोकल राइटर्स की बुक वहां अवेलबल है। मगर उन्हें कुछ दिन के लिए ही बुक्स प्रोवाइड कराई जाती है। इसके बाद अगर उन्हें जरूरत है, तो जमा कर री-एलॉटमेंट करना पड़ता है। छुट्टियों के दिनों में प्रॉब्लम और बढ़ जाती है और उन्हें बुक्स अलॉट कराने के लिए यूनिवर्सिटी खुलने का इंतजार करना पड़ता है। इसलिए स्टूडेंट्स अपनी बुक्स चाह रहे हैं लेकिन मार्केट से अधिकतर बुक्स गायब हैं। खासकर, फॉरेन राइटर्स की बुक्स मार्केट में अवेलबल नहीं है। ऐसे में, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उनके लिए बड़ा सहारा है।

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बॉक्स

इसलिए नहीं रख रहे दुकानदार

फॉरेन राइटर्स की बुक्स मार्केट में अवेलबल न होने की वजह यह भी है कि इनकी बुक्स इंडियन राइटर्स के मुकाबले काफी महंगी है। वहीं इनकी डिमांड भी नहीं है। ऐसी कंडीशन में कोई भी बुक सेलर इसे रखने में आनाकानी करता है या बहाना बनाता है। बुक सेलर्स की मानें तो सिर्फ चुनिंदा स्टूडेंट्स ही बुक लेने के लिए मार्केट पहुंचते हैं, इसलिए जब जरूरत होती है तभी ऑर्डर देकर मंगवाया जाता है।

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मार्केट में नहीं मिल रही इन राइटर्स की बुक्स

- सेयर्स

- मेक कार्टी

- पार्किन

- रॉस

- मेक किनी

- मेटकाफ

- एड्डी

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यहां ऑनलाइन पढि़ए या खरीदीए

- इंडिया बुक्स स्टोर

- बाई बुक्स इंडिया

- रीड एनी बुक

- अमेजन

- फ्लिप कार्ट

- स्नैप डील

- शॉप क्लूज

- इबे

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बक्शीपुर के साथ ही शहर की दूसरी मार्केट में फॉरेन राइटर्स की बुक्स नहीं मिल रही है। कई बार दौड़ लगाने के बाद भी वह बुक मंगवा नहीं रहे हैं।

- असित सिंह

मार्केट में फॉरेन राइटर्स की बुक्स नहीं मिल रही थी, जिसके बाद मैंने ऑनलाइन ऑर्डर कर बुक मंगवाई है। मार्केट में मना भी नहीं कर रहे हैं और किताबें भी नहीं मंगवा रहे हैं।

- गौरव श्रीवास्तव

यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए तो फॉरेन राइटर्स की बुक्स मिल जाती है मगर जब मैं घर पर पढ़ाई करने के लिए बुक परचेज करने गया, तो मुझे काफी परेशान होना पड़ा। इसके बाद मैंने ऑनलाइन बुक ऑर्डर की है।

- पंकज कुमार

विदेशी राइटर्स की कई बुक्स ऑनलाइन मंगवानी पड़ रही है। बुक्स कॉस्टली होने की वजह से मार्केट में बुक्स सेलर इसे मंगवा नहीं रहे हैं, जिससे स्टूडेंट्स को काफी परेशानी फेस करनी पड़ रही है।

- अंकित मिश्रा

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मार्केट में विदेशी राइटर्स की बुक नहीं मिल पा रही। इसकी शिकायत मुझसे भी कई स्टूडेंट्स ने की है। मैंने कई स्टूडेंट्स को नोट्स कॉपी कराकर दिया है, ताकि उनकी पढ़ाई डिस्टर्ब न हो। यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में बुक्स अवेलबल है, जिस स्टूडेंट्स को बहुत जरूरत है, वह अलॉट कराकर ले सकता है।

- प्रो। गोविंद पांडेय,

यूनिवर्सिटी रिलेशन ऑफिसर, एमएमएमयूटी