- तरुमित्र आश्रम में टूटे शीशे व प्लास्टिक की बोतल से तैयार किया गया घर और हैंगिंग गार्डेन

- किसी भी सीजन में रूम का टेंपरेचर रहता है मेनटेन

- सूर्य की रोशनी से जगमगाता रहता है पूरा घर

PATNA : अक्सर हमलोग घर में पड़े प्लास्टिक के डब्बे और बोतल को सड़क पर कचरा समझकर फेंक देते हैं, लेकिन इसी प्लास्टिक के कचरे की मदद से तरुमित्र में एक घर तैयार कर लिया गया है। इसकी खासियत है कि इसके अंदर का टेंपरेचर हर सीजन में मेनटेन रहता है। घर में सूर्य की रोशनी और हवा की तो कमी ही नहीं। बोतल हाउस की खासियत है कि इसमें लगभग एक हजार प्लास्टिक व पुरानी बोतल का यूज किया गया है। इसके यूज से छत की बाउंड्री से लेकर चार खिड़की बनाई गई है। यही नहीं दीवार में भी बोतल का ही यूज किया गया है, जिसके ऊपर व्हाइट मड लगा दिया गया है। इसके अलावा चारों खिड़की रंग-बिरंगी प्लास्टिक की बोतलों से बनी है। इसमें एक बोतल को दूसरे के अंदर रखकर और भी बेहतर लुक देने की कोशिश की गई है।

हैंगिंग गार्डेन में खिलने लगे हैं फूल

तरुमित्र की अनुराधा ने बताया कि सिर्फ बोतल हाउस ही नहीं है, बल्कि कचरा और कबाड़ के सहारे भी कई चीज इस कैंपस में बनाए गए हैं। स्ट्रीट लाइट्स में प्लास्टिक की टूटी बाल्टी, हैगिंग गार्डेन में कोल्ड ड्रिंक व बीयर की बोतल का यूज किया गया है जिसमें कई तरह के पौधे लगाए गए हैं। तरुमित्र की अनुराधा ने बताया कि हमलोग पुराने प्लास्टिक के यूज करने के तरीके पर काम करते रहते हैं, ताकि मिसयूज सामान का बेहतर तरीके से यूज किया जा सके।

रात में चमकती रहती है बोतल

बोतल हाउस की खासियत है कि रात में जब प्लास्टिक की बोतल पर रोशनी पड़ती है तो वह चमकने लगती है। व्हाइट, ग्रीन, कलर फुल प्लास्टिक से आने वाली रोशनी लोगों को अट्रैक्ट करती है क्योंकि इसकी लाइटिंग जबरदस्त है। यही नहीं इसके छत पर बांस के बल्ले का यूज किया गया है।

पानी का भी होगा यूज

ऐसे ही एक और नया घर बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। जिसमें प्लास्टिक और ग्लास के बोतल का यूज तो होगा ही जिसमें पानी भी भरा होगा। हालांकि इस घर का कलर हर वीक चेंज हो ऐसा प्रपोजल भी रखा गया है।