- डीपीओ ने किया था वॉर्न बेबी फोल्ड का 30 जनवरी को निरीक्षण

-निरीक्षण में साफ-सफाई और बच्चों के देखरेख संबंधी मिली थी खामी

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ :

वॉर्न बेबी फोल्ड में बच्चों की देखरेख और साफ-सफाई से लेकर मेन्यू के अनुसार खाना तक नहीं दिया जा रहा है। इसके साथ बच्चों की देखभाल करने वाला स्टाफ भी मौके पर मौजूद नहीं मिला। यह खुलासा डीपीओ नीता अहिरवार के निरीक्षण के दौरान हुआ। औचक निरीक्षण में डीपीओ को मिली खमियों पर वॉर्न बेबी फोल्ड की सहायक अधीक्षिका मैकरीना मैसी से एक सप्ताह में अव्यवस्थाओं को दूर कर अवगत कराने को कहा है। इसके साथ नोटिस भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने दोबारा निरीक्षण में कमियां मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

10 मासूम है मौजूद

शहर के 101 सिविल लाइंस स्थित वॉर्न बेबी फोल्ड में 10 लावारिस मासूम हैं। जिनकी उम्र 5 माह से तीन वर्ष तक है, लेकिन बच्चों की देखभाल करने के लिए कोई भी स्टाफ मौके पर नहीं मिला। निरीक्षण के दौरान जब डीपीओ ने बच्चों के देखरेख और कमियों के बारे में जवाब मांगा तो वह कोई जवाब नहीं दे सकी। क्योंकि डीपीओ ने पूर्व में किए निरीक्षण के दौरान भी अव्यवस्था दूर करने के निर्देश दिए थे, लेकिन उसे अमले में नहीं लाया गया था, जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई। निरीक्षण के बाद डीपीओ ने रिपोर्ट डीएम कैप्टन आर विक्रम सिंह को भेज दी है।

ये मिली कमियां

-बच्चों को सुबह नाश्ता से लेकर खाना तक का किसी कमरे में मैन्यू नहीं लगा पाया।

-बच्चों की देखभाल में लापरवाही, बच्चों के देखभाल करने वाले कोई भी नहीं है।

-बाल अनुरूप की समुचित सुविधा नहीं मिली। पालने में लोहे के पाइप पर फोम नहीं लगा था।

-कार्यरत स्टाफ तक की नहीं मिली थी सूची, स्टाफ सूची रखने के दिए निर्देश।

-संस्था कारा, सारा, जेजे एक्ट के अ‌र्न्तगत मानकों का अनुपालन नियमानुसार नहीं जा रहा था।

- संस्था में दत्तक ग्रहण कराए गए बच्चों का फॉलोअप के निर्देश दिए, एवं एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई करने के आदेश।

डीपीओ ने वॉर्न बेबी फोल्ड का निरीक्षण किया था, जिसमें उन्हें कुछ खास कमी नहीं मिली थी। संस्था में जो कमियां बताई थी, उसे दुरूस्त कर लिया गया है, लेकिन अभी तक कोई रिपोर्ट मांगी नहीं गई है।

मैकरीना मैसी, सहायक अधीक्षिका

वॉर्न बेबी फोल्ड का निरीक्षण किया था, जिसमें गंदगी और बच्चों की देखरेख संबंधी की कमियां मिली थी। जिसकी रिपोर्ट डीएम को भेजने के साथ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। 15 दिन में संस्था की सहायक अधीक्षिका से रिपोर्ट मांगी है।

नीता अहिरवार, डीपीओ