मिसाल के तौर पर
हाल ही में तमिलनाडु के कुन्नाथूर गांव में रहने वाले के. अजीत कुमार ने गांव व आस-पास के इलाकों में घूम-घूम कर भीख मांगा है। इसकी फोटो भी वायरल हुई हैं और लोग इसे एक मिसाल के तौर पर ले रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर हर कोई ऐसे ही हिम्मत भरे कदम उठाने लगे तो देश से भ्रष्टाचार काफी हद तक कम हो सकता है। अधिकारियों को भी डर रहेगा और वे घूस मांगने से बचेंगे। उन्हें भी सस्पेंड होने का डर सताएगा।
तीन हज़ार दे जाओ
जी हां करीब 15 महीने पहले के. अजीत कुमार के पिता की किडनी फेल होने से मौत हो गई थी। उसका कहना है कि उसकी मां ने सरकार की तरफ से मिलने वाले 12500 पैसे के लिए अप्लाई किया था। इस दौरान एक प्रशासनिक अधिकारी सुब्रमनियन ने उसकी मां से 3 हजार रुपये मांगे। कहा कि पहले उसे 'तीन हज़ार दे जाओ और पैसे ले जाओ'। इस पर वह और उसकी मां इतने पैसों का इंतजाम करने के लिए परेशान हो गए।
भीख मांगने लगा
ऐसे में उसने अपनी घूस के पैसे इकट्ठे करने के लिए भीख मांगनी शुरू कर दी। हालांकि अजीत के इस कदम से प्रशासन हरकत में आ गया। उसकी फोटो काफी तेजी से वायरल हो गई। इस दौरान भ्रष्ट अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं उसकी मां को सरकारी मुआवजा भी दे दिया गया। हालांकि उच्चअधिकारियों का कहना है कि आरोपी अधिकारी इन आरोपों से इंनकार कर रहे हैं।
कई मामले खुले
अब लोगों में भी काफी भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने की हिम्मत आ रही हैं। उसी गांव की महिला एस. लक्ष्मी का कहना है कि पोते के नाम मकान रजिस्टर्ड कराने के लिए भी उस भ्रष्ट अधिकारी ने उनसे भी पांच हज़ार रूपये की मांग की थी। इसके अलावा शारीरिक रूप से अक्षम 45 वर्षीय के. बाबु का कहना है कि हज़ार रूपये के सरकारी भत्ते के लिए भ्रष्ट अधिकारी ने रिश्वत मांगी थी। इस गांव में अब एक नहीं कई मामले इस भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ खुल चुके हैं।
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