- स्टूडेंट्स को हो रही टेंशन, नहीं ले पा रहे हैं कहीं एडमिशन

- अन्य कॉलेजों में हो गया है प्रैक्टिकल एग्जाम, सिर्फ एक कॉलेज में फंसा

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध क्रिश्चियन कॉलेज के बीपीएड के प्रैक्टिकल एग्जाम की डेट अभी तक नहीं आ पाई है। जिस कारण से इस कारण ख्0क्ब् का रिजल्ट अभी तक घोषित नहीं हो सका है। यहां से बीपीएड की पढ़ाई करके वाले स्टूडेंट्स ग्वालियर, बीएचयू, अलीगढ़, दिल्ली दूसरे यूनिवर्सिटी में एमपीएड में एडमिशन लेने की प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं। इसके अलावा जहां एडमिशन लेने का मौका है, वहां भी चयनित होने पर भी एमपीएड में एडमिशन नहीं मिल पाएगा क्योंकि उन स्टूडेंट्स का एग्जाम रिजल्ट नहीं हो पाया है।

दौड़-दौड़ के परेशान स्टूडेंट्स

लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन की अनदेखी के कारण इन सभी स्टूडेंट्स का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। जबकि स्टूडेंट्स का मई के पहले वीक में रिर्टन एग्जाम हो चुका है। लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज को छोड़ यूनिवर्सिटी से कॉलेजों के प्रैक्टिकल एग्जाम भी हो चुके हैं। सिर्फ इसी कॉलेज की प्रैक्टिकल परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं। जिससे इस सेशन के बीपीएड के स्टूडेंट्स को रिजल्ट नहीं निकल पा रहा है। स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी और कॉलेज में दौड़-दौड़ कर परेशान हैं, लेकिन न तो यूनिवर्सिटी और न ही कॉलेज के प्रशासन उन्हें कोई जवाब दे रहे हैं।

कॉलेज में नहीं है शिक्षक

बीपीएड रिजल्ट के प्रैक्टिकल एग्जाम न होने के बाबत जब लखनऊ यूनिवर्सिटी से सम्पर्क किया गया तो यूनिवर्सिटी का कहना है कि कॉलेज में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद(एनसीटीई) के मानक के अनुरूप शिक्षक नहीं हैं। इसके अलावा कॉलेज प्रशासन चाहता है कि उनके कॉलेज के शिक्षकों को ही परीक्षक बना दिया जाए। इस कारण वहां पर प्रैक्टिकल एग्जाम अभी तक नहीं हो पाया है, जबकि अन्य कॉलेजों में अप्रैल मंथ में ही प्रैक्टिकल एग्जाम हो चुके हैं। यूनिवर्सिटी का कहना है कि इस मुद्दे पर बैठक बुलाई गई है, जल्द ही इसका कोई हल निकाल लिया जाएगा।

यूनिवर्सिटी के कारण फंसा मामला

लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज के प्रवक्ता रॉकी जान ने का कहना है कि हमारे कॉलेज में बीपीएड के म्0 स्टूडेंट हैं। इस साल यूनिवर्सिटी में हमारे यहां प्रैक्टिकल एग्जाम कराने के लिए बाहर के शिक्षकों को आंतरिक शिक्षक बनाकर भेज दिया था। जिसका कॉलेज ने विरोध किया था। उन्होंने बताया कि प्रैक्टिकल एग्जाम कराने के लिए कॉलेज के शिक्षकों को ही आंतरिक शिक्षक बनाया जाता है। ऐसे में यूनिवर्सिटी ने बाहरी शिक्षकों को नियुक्त किया था, जिसका विरोध शुरू होने के कारण स्टूडेंट्स के प्रैक्टिकल एग्जाम नहीं हो सके है। इस मामले पर मंगलवार को प्रो। वीसी प्रो। एके सेन गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। जिस पर उन्होंने फ्0 जुलाई तक इस मामले का हल निकाले की बात कहीं है।