पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट मनीष के मोबाइल में सुबह-सुबह एक एसएमएस गिरा। एसएमएस में यह अपील की गई थी कि यदि लोकपाल बिल को पास करवाना है तो इसको आगे फारवर्ड करते रहिए। बीटेक कर रहे राहुल के पास भी एसएमएस आया और उस एमएसएम को अन्ना के समर्थन में बजाए फारवर्ड करने के एक एक नम्बर पर फोन करना था।

राहुल ने फोन किया और उसक कॉल के पांच रुपए कट गये। चौक के संजोग गर्ग के मोबाइल पर एसएमएस आया कि भारत सरकार ने लोक पाल बिल को पास कराने के लिए 25 करोड़ एसएमएस की शर्त रखी है इसलिए देशहित में इस एसएमएस को फारवर्ड करते रहना जरूरी है। यानी एसएमएस और टेलीफोन के जरिए अन्ना के आंदोलन को बेचा जा रहा है।

T-shirt and cap

एसएमएस और टेलीकॉल के बाद अन्ना की टी शर्ट और कैप भी हॉट है। ब्रांडेड कंपनियों ने तो नहीं हां लोकल कंपनियों ने अन्ना के मैसेज और फोटो के साथ टीशर्ट और कैप को मार्केट में उतार दिया है, जो काफी पसंद की जा रही है। हजरतगंज स्थित मॉडमैन के शोरूम ओनर मोहम्मद अशरफ कहते हैं कि शुरूआत में माल आया तो बहुत तेजी से बिक गया। सकेंड लाट का आर्डर पेंडिंग है। उनके मुताबिक लोगों ने टीशर्ट को पसंद किया और खूब खरीदा।

Cloud telephony

साइबर एक्सपर्ट मनु प्रियम कहते हैं कि क्लाउड टेलीफोनी के जरिए कुछ प्राइवेट कंपनियां इस तरह के बिजनेस में हैं। पहले वह ऐसे नम्बर को बनाती है जिस पर काल दर सेट की जा सके और उसके बाद एसएमएस के जरिए उस नम्बर पर फोन करने के लिए कहा जाता है जिसमें यूजर के मोबाइल फोन से कटा पैसा टेलीकॉम कंपनी और क्लाउड टेलीफोनी कंपनी के बीच बंट जाता है।

नहीं कहा गया

लखनऊ में अन्ना का आंदोलन खड़ा करने वाले नवीन अरोरा कहते हैं कि उनसे न तो कभी फोन करने के लिए कहा गया न ही एसएमएस। चाहे केजरीवाल हो या फिर खुद अन्ना कभी कोई फोन करने की बात नहीं कही गई। अगर कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं तो इसकी जांच होनी चाहिए और जो लोग बिजनेस कर रहे हैं उन्हें सजा हो।