-जागरूकता के अभाव में बढ़ रहे मरीज

-अक्टूबर है ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ

ALLAHABAD: अभी भी वक्त है, सोसायटी को ब्रेस्ट कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति होशियार हो जाना चाहिए। जिस तरह से बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है वह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। आंकड़ों पर जाएं तो बच्चेदानी के कैंसर के मामले पिछले कुछ सालों में कम हुए हैं लेकिन इनके मुकाबले ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों में वृद्धि हुई है। इसके पीछे वेस्टर्न लाइफ स्टाइल को फॉलो करना अहम कारण माना जा रहा है।

देर से शादी, जीवन की बर्बादी

कुछ साल पहले तक महिलाओं में बच्चेदानी के कैंसर ज्यादा सामने आते थे। इसको लेकर जागरूकता फैलाई, जिसका असर भी हुआ। इस तरह के कैंसर के मामलों में कमी आने लगी है, लेकिन इसके उलट ब्रेस्ट कैंसर का शिकंजा बढ़ता ही जा रहा है। डॉक्टर्स का कहना है इसका अहम कारण महिलाओं की देर से शादी होना है। इसके बाद बच्चे देर से होते हैं और कामकाजी फैमिली इन्हें अपने साथ नहीं रखती है।

फिगर, शराब और तंबाकू

दूसरा सबसे बड़ा कारण है महिलाओं का फिगर कांशस होकर बच्चों को अपना दूध नहीं पिलाना। खासकर वर्किंग वूमन में ऐसे मामले ज्यादा देखने में आ रहे हैं। इससे महिलाओं में कैंसर के लक्षण पनपने के चांसेज बढ़ जाते हैं। इसके अलावा तंबाकू और शराब के सेवन का बढ़ता चलन भी जिम्मेदार माना जा रहा है।

पहले या दूसरे स्टेज में सस्ता इलाज

आंकड़ों पर जाएं तो कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल की कैंसर विंग में हर साल दस से बारह हजार नए मरीज दस्तक देते हैं। इनमें से पांच हजार के करीब महिलाएं होती हैं जिनमें बीस फीसदी तक मामले ब्रेस्ट कैंसर के होते हैं। इसके अलावा कई मरीज शहर के दूसरे हॉस्पिटलस या सीधे दिल्ली-मुंबई इलाज कराने जाते हैं। इनमें से पहले या दूसरे स्टेज में आने वाले मरीजों की जान सस्ते इलाज से बच जाती है। लास्ट स्टेज में मरीज के ब्रेस्ट काटकर निकालने पड़ते हैं, साथ ही कैंसर के शरीर के दूसरे हिस्से में फैलने की आशंका भी बढ़ जाती है।

ऐसे होगा बचाव

-बीमारी की रोकथाम के लिए सबसे जरूरी है उसका पता लगाना

-वार्षिक स्वास्थ्य जांच कराएं जिसमें विशेष रूप से विशिष्ट कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट शामिल हो

-ब्0 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं वार्षिक सोनो-मैमोग्राफी जांच के लिए अवश्य जाएं

-महिलाओं को स्वयं माह में एक बार अपने स्तन की जांच करनी चाहिए कि कहीं शरीर में कोई असामान्य विकास तो नहीं हो रहा है

-खाने में हमेशा ताजे फल, सब्जियों और दालों का प्रयोग करना चाहिए

-तंबाकू और शराब का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए इससे कैंसर की संभावना बढ़ जाती है

ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। महिलाओं के लिए अक्टूबर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी चल रही है। लोगों को रोग के लक्षणों के बारे में बताया जाएगा।

पद्मश्री डॉ। बीपाल थेलियथ, कैंसर स्पेशलिस्ट, कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल