- अभियुक्तों को मिला संदेह का लाभ, साक्ष्य के अभाव में मिली बड़ी राहत

- हत्याकांड में केवल मुन्ना शुक्ला, राजन तिवारी और मंटू तिवारी ही जेल में हैं बंद

PATNA: पटना हाईकोर्ट ने एक्स मिनिस्टर बृजबिहारी प्रसाद और उनके बॉडीगार्ड की हत्या के मामले में सभी आठ सजायाफ्ता मुजरिम को बरी करने का आदेश दिया। इन लोगों को सीबीआई की विशेष अदालत ने क्ख् अगस्त ख्009 को राजन तिवारी सहित नौ अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। इस फैसले के खिलाफ सभी हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।

एफआईआर में कोई सूचक नहीं

इस मामले में कई बार अदालत में सुनवाई चली। अपील के सुनवाई में ही छह को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। जस्टिस इकबाल अहमद अंसारी और जस्टिस बी.एस। सिन्हा की खंडपीठ ने 9 अभियुक्तों की अपील पर सुनवाई पूरी करने के बाद क्9 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसे गुरुवार को सुनाया गया। कोर्ट ने अपने फैसले में सीबीआई के इंवेस्टिेशन और लोअर कोर्ट से हुई कई चूक का जिक्र किया है। अदालत ने सुनवाई में यह पाया कि जिस समय यह घटना हुई उस वक्त एफआईआर में कोई सूचक नहीं है। एक्स साइंस और टेक्निोलॉजी मिनिस्टर बृजबिहारी आईजीआईएमएस में अपना इलाज करा रहे थे। क्फ् जून क्998 की शाम जब वे कैम्पस में ही टहल रहे थे, तभी उन पर एके ब्7 से गोलियां बरसाई गई थी। इसमें उनकी और उनके बॉडीगार्ड लक्ष्मेश्वर साह की मौके पर ही मौत हो गई थी।

अज्ञात के खिलाफ हुआ था मामला दर्ज

घटना के वक्त पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। बाद में इंवेस्टिगेशन के लिए सीबीआई को केस हैंड ओवर किया गया। सुनवाई के दौरान एक्यूज के वकील अजय कुमार ठाकुर, अखिलेश्वर प्रसाद सिंह एवं राजकुमार सहित अनेक वकीलों का कहना था कि इस घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था। इसके बावजूद कई लोगों को एक्यूज बनाया गया, जिससे गवाह होस्टाइल होते गए। यहां तक कि बृजबिहारी के साले भी गवाही से हट गए। इस कांड में लगभग म्0 गवाहों की की गवाही ली गई है। सीबीआई की ओर से विपिन कुमार ने इसका विरोध किया। इस कांड में बरी चार लोग जेल में है अगर इनपर कोई मामला पेंडिंग नहीं होगा तब ही ये जेल से निकल सकते हैं।

ये हुए बरी

क्। एक्स एमपी विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला

ख्। पूर्व विधायक राजन तिवारी

फ्। मन्टू तिवारी

ब्। ललन सिंह

भ्। कैप्टन सुनील सिंह

म्। राम निरंजन चौधरी

7. सूरजभान सिंह

8. मुकेश सिंह

9. शशि कुमार राय (मौत हो चुकी है)