BAREILLY:

रेलवे की लापरवाही संडे को सैकड़ों यात्रियों की जिंदगी पर भारी पड़ जाती। टूटे हुए ट्रैक पर हरी झंडी देते हुए रेल अधिकारियों ने करीब आधा दर्जन ट्रेनों को गुजार दिया। संयोग अच्छा रहा कि कोई हादसा नहीं हुआ। ट्रैक के डैमेज होने की शिकायत रेलवे यात्रियों ने जब ट्रैकमैन से की, तब जाकर ट्रैक को सही किया गया।

 

हो सकता था बड़ा हादसा

जंक्शन के प्लेटफार्म नम्बर ख् का ट्रैक एक जगह से टूट गया था। ट्रैक के नीचे लगे लकड़ी के टुकड़ों के परखच्चे उड़ गये थे। इसके बाद भी संडे को सुबह 9 बजे से डबल डेकर, जननायक और हावड़ा एक्सप्रेस सहित करीब आधा दर्जन ट्रेनों को प्लेटफार्म नम्बर ख् से जाने के लिए अधिकारियों ने हरी झंडी दे दी। यदि, ट्रेन पलटती तो बड़ा हादसा हो सकता था।

 

ट्रैकमैन ने माना ट्रैक के बीच गैप अधिक

प्लेटफार्म नम्बर ख् पर मौजूद महानगर निवासी मयंक अग्रवाल टूटे हुए ट्रैक पर ट्रेनों के जाता देख दंग रह गये। उन्होंने इस बात की सूचना ट्रैकमैन को दिया। मयंक ने बताया कि मेरी शिकायत पर ट्रैकमैन ने भी माना कि ट्रैक के बीच ज्यादा गैप हो गया है। जिसे सही किया जाएगा। रेल अधिकारियों के लापरवाही का यह पहला मामला सामने नहीं आया है। इस वर्ष तक सिर्फ बरेली में रूट्स पर ही एक दर्जन से अधिक ट्रेन हादसे के मामले सामने आ चुके हैं।

 

 

ख्0क्7 ट्रेन हादसा एक नजर

- ख्ख् अक्टूबर जंक्शन के प्लेटफार्म नम्बर ख् जो कि टूटा हुआ था डबल डेकर, जननायक, हावड़ा सहित कई ट्रेनों को रवाना कर दिया गया।

- भ् अक्टूबर जंक्शन पर टूटे हुए ट्रैक पर हावड़ा से काठगोदाम जाने वाली बाघ एक्सप्रेस को ट्रैक पर आने की हरी झंडी दे दी गई थी। बाद में इंजीनियर ने ट्रैक की मरम्मत करवाई।

- ख्7 सितम्बर श्मशान भूमि के पास फाटक का बूम टूटने के बाद भी ट्रेनों को गुजारा गया। गेटमैन की सूचना देने के बाद जंजीर बांधा गया।

- ख्7 सितम्बर कटघर-मुरादाबाद के बीच धंसे ट्रैक पर डबल डेकर को रवाना कर दिया गया। बड़ा हादसा टल गया था।

- ख्म् सितम्बर हल्द्वानी से काठगोदाम जा रही संपर्क क्रांति की कपलिंग खुल गई थी। ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई थी।

- 7 जून हरदोई-बरेली रूट पर ट्रैक पर गैप होने के बाद भी इलाहाबाद-हरिद्वार एक्सप्रेस को हरी झंडी दे दी गई। ग्रामीणों ने कपड़ा लहरा कर ट्रेन रूकवाई थी।

- क्भ् अप्रैल टूटी पटरी पर राजरानी को गुजार दिया गया। ट्रेन के आधा दर्जन कोच बेपटरी हो गए थे। जिसके चलते दर्जनों यात्री घायल हो गये थे।

- ब् फरवरी नकटिया नदी के किनारे ट्रैक का जॉगल प्लेट खुला होने के बाद भी ट्रेन गुजार दी गई। ट्रेन पलटने से बच गई थी।

 

टूटे हुए ट्रैक पर ट्रेनें चलाई जा रही थी। मैंने इस बात की शिकायत भी ट्रैकमैन से किया। उसका कहना था कि ट्रैक के बीच गैप अधिक है इसे सही किया जाएगा।

मयंक अग्रवाल, निवासी महानगर

 

प्लेटफार्म नम्बर-ख् से ट्रेन को क्0 के कॉशन से गुजारा जा रहा है। ट्रैक मरम्मत के लिए टेंडर हो चुका है। दिसम्बर से काम शुरू होने की उम्मीद हैं।

विनय सिंह, पीडब्ल्यूआई, जंक्शन