पहलवान नाम से रखता है सिटी में अपने गुर्गाें से संपर्क

आगरा। सिटी में चांदी लूट का गिरोह काम कर रहा है। इसका मास्टर माइंड पुलिस की पकड़ से दूर है। अभी तक पुलिस हवा में हाथ-पांव मार रही थी, लेकिन अब इस गिरोह के सूत्रधार के तार पुलिस को मिल चुके हैं। खुद को पहलवान कहलवाने वाला मास्टरमाइंड अपने आप को दिल्ली में तैनात बीएसएफ का सिपाही भी बताता है। और सिटी में अपने गुर्गो से वारदात को अंजाम दिलाता है। ये खुलासा खुद पुलिस ने गुरूवार को उस समय किए जब उन्होंने 27 जुलाई को हुए चांदी लूटकांड को एक्सपोज किया।

पीडि़त ने जताया था रेकी का शक

चर्च रोड पर प्रभा हॉस्पिटल के पास 27 जुलाई की दोपहर बाइक सवार बदमाशों ने चांदी कारीगर को फायरिंग कर चांदी से भरा थैला लूट लिया था। सादाबाद विशावर निवासी राकेश पुत्र चंद्रपाल को राम नगर चर्च रोड स्थित कारोबारी दिनेश बाबू के यहां पर माल पहुंचाने आया था। उसका मामा रामवीर उसके साथ था। पीडि़त ने थाना हरीपर्वत में मुकदमा पंजीकृत कराया था। इस मामले में पीडि़त ने शक जताया था कि उसकी रेकी कर वारदात को अंजाम दिया है।

पुलिस ने किया खुलासा

रेकी करके वारदात को अंजाम देने का प्वाइंट पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस के अधिकारी इसी प्वाइंट पर जांच करने लगे। इधर, जिस दौरान बदमाश वारदात को अंजाम दे रहे थे, वहां एक कोठी पर सीसीटीवी कैमरा लगा था। बदमाशों की सारी हरकत उसमें कैद हो गई। पुलिस को उसमें से महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे। इन्हीं सुरागों के आधार पर पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया। पकड़े बदमाशों ने पूछताछ में कई राज उगले हैं।

ये पकड़े गए बदमाश

सीओ हरीपर्वत अशोक कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने सचिन बघेल पुत्र श्याम बघेल निवासी राजनगर थाना लोहामंडी और संजय शर्मा उर्फ संजू पंडित पुत्र राकेश शर्मा निवासी रूई की मंडी थाना शाहगंज को दबोचा। बदमाशों से बरामद किए गए सामान में आठ किलो चांदी के आभूषण, दो तमंचे व छह कारतूस, एक पल्सर बाइक शामिल है। जबकि इस लूटकांड में प्रकाश में आए नामों में पहलवान और महेश बताए गए हैं। लूट के माल में आठ किलो चांदी का माल पहलवान के हिस्से में आया, शेष चार-चार किलो अन्य में बांटा गया।

पहलवान है मास्टर माइंड

एसपी सिटी समीर सौरभ और एसएसआई हरीपर्वत शैलेंद्र कुमार सिंह ने प्रेस कांफ्रेस में बताया बदमाशों का गैंग लीडर पहलवान नामक व्यक्ति है। वह अधिकतर लोगों को अपनी पहचान दिल्ली में तैनात सीमा सुरक्षा बल में सिपाही के रूप में देता है। वह अपने साथियों से मात्र मोबाइल पर सम्पर्क करता है। उसने किसी को अपना घर नहीं दिखाया। जब भी उसे किसी से मिलना होता वह उसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में बुलाता है।

रिपेयरिंग की दुकान पर हुई थी मुलाकात

पुलिस के अनुसार आरोपी सचिन पहले पचकुईयां चौराहे पर बाइक रिपेयरिंग का काम करता था। उसकी मुलाकात ढाई वर्ष पूर्व वहीं पहलवान से हुई। आरोपी संजय आगरा में एक नामी व्यवसायी की गाड़ी चला रहा था। इसकी पहलवान से मुलाकात 16 वर्ष पहले नगला पदी में हुई थी। यह दोनों पहलवान के सम्बंध में अधिक कुछ भी नहीं जानते। पुलिस ने जब पहलवान और महेश के बारे में जानकारी की तो पता चला कि पहलवान किसी बड़े अपराध में जेल जा चुका है।