- जीएम पर लेनदेन कर कर्मचारी नगर के फिलिंग स्टेशन को डीजल देने की जिम्मेदारी सौंपने की चर्चा

- एक्सचेंज पर काम छोड़ कर्मचारियों को जाना पड़ता है कर्मचारी नगर

BAREILLY:

फिलिंग स्टेशन के बाद बीएसएनएल में भी फ्यूल पर खेल शुरू हो गया है। ऐसी बात सामने आ रही है कि जीएम ने कर्मचारी नगर स्थित एक फिलिंग स्टेशन से सेटिंग कर शहर के सभी एक्सचेंज पर फ्यूल सप्लाई का ठेका दे दिया है। यहीं नहीं इस नई व्यवस्था को लागू करने से पहले जीएम ने कोई ऑफिशियल कागजी कार्रवाई भी नहीं की है।

एक फिलिंग स्टेशन से डीजल लेने का आदेश

शहर में बीएसएनएल के टोटल 14 एक्सचेंज है। इनमें कैंट, चौपुला, राजेंद्रनगर, किला, मढ़ीनाथ, सुभाषनगर, लाल फाटक, महानगर, हार्टमन, बानखाना, प्रेमनगर, नार्थ सिटी, आरयू, एयरफोर्स गेट शामिल है। इन सभी एक्सचेंज पर पहले नजदीकी फिलिंग स्टेशन से ही डीजल आता था, लेकिन नए जीएम चरन सिंह ने बरेली ज्वॉइन करने के बाद पुरानी व्यवस्थाओं पर रोक लगा दी। दो महीने पहले शहर के सभी एक्सचेंज के लिए एक फिलिंग स्टेशन से फ्यूल लेने के आदेश जारी कर दिए। इसके लिए उन्होंने कर्मचारी नगर स्थिति सिद्धबाबा फिलिंग स्टेशन को ठेका दे रखा है।

कर्मचारी काम करें या फ्यूल ढोयें

जब भी एक्सचेंज के लिए डीजल की जरूरत होती है, एक्सचेंज के एक कर्मचारी को फिलिंग स्टेशन कर्मचारी नगर जाना पड़ता है। ऐसे में शहर के अंतिम छोर पर बसे कर्मचारी नगर जाने में कर्मचारियों को रास्ता तय करने में काफी समय लग जाता है। चौपुला, कुतुबखाना और श्यामगंज ट्रैफिक जाम लग गया तो फिर भगवान ही मालिक है। इन 14 एक्सचेंज पर हर महीने करीब 25 से 30 लाख रुपए का डीजल की खपत है। विभाग के अंदर खाने से यह भी खबर है कि जब इस तरह की व्यवस्था करनी ही थी तो बीच शहर स्थिति किसी फिलिंग स्टेशन को क्यों नहीं यह काम दिया गया।

मात्र 1.60 के मॉजिन पर कर रहे डिलीवरी

कर्मचारियों के बीच ऐसी चर्चा है कि यह सारा खेल कमीशन का है। जीएम ने इस काम के लिए फिलिंग स्टेशन संचालक से 2 लाख रुपए लिया है। वहीं यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि कोई फिलिंग स्टेशन खुद ट्रांसपोर्ट खर्च करके एक्सचेंज तक फ्यूल की डिलीवरी क्यों करेगा। जबकि, डीजल पर मात्र 1.60 रुपए प्रति लीटर का मॉर्जिन पंप ओनर को मिलता है। ऐसे में कोई फिलिंग स्टेशन टैंकर से कर्मचारी नगर से कैंट, मढ़ीनाथ, सुभाषनगर जैसे एक्सचेंज पर डीजल की डिलीवरी करता है, तो उसे क्या फायदा होगा। ऐसे में सवाल यह उठता है, कि फिलिंग स्टेशन से जो डीजल एक्सचेंज को आ रहा है उसकी क्वॉलिटी और क्वांटिटी कितनी सही है।

बॉक्स

- 15 एक्सचेंज।

- 25-30 लाख रुपए का फ्यूल हर महीने।

- 3 लाख के करीब मोबाइल यूजर्स।

- 19 हजार लैंडलाइन यूजर्स।

- पहले नजदीकी फिलिंग स्टेशन से एक्सचेंज लेते थे फ्यूल।

- अब सभी एक्सचेंज के कर्मचारियों का कर्मचारी नगर जाना पड़ता है।

मुझ पर जो पैसे लेने के आरोप लगाए जा रहे हैं वह गलत है। जिस फिलिंग स्टेशन को जिम्मेदारी दी गई है वह ट्रांसपोरेशन खर्च नहीं लेता है। जिस वजह से उसे जिम्मेदारी दी गई है।

चरन सिंह, जीएम, बीएसएनएल