पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में मिला हमलावरों का क्लू

देर रात हत्यारों की तलाश में कई ठकानों पर दी गई दबिश

ALLAHABAD: राजेश ताराचंद हॉस्टल में कब से थे और किससे-किससे मिले? इस बारे में पुलिस पता लगाने का प्रयास कर रही है लेकिन पुलिस के हाथ लगे एक सीसीटीवी फुटेज ने क्लीयर कर दिया है कि घटना के समय जागने वाले तमाम अन्य लोग भी थे। एक सख्श की भूमिका बेहद संदिग्ध मानी जा रही है जो गोली लगने से चंद सेकंड पहले मोबाइल पर बात करते हुए निकला और फिर आठ लोगों को साथ लेकर पहुंचा जो असलहों से लैश थे।

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस इस व्यक्ति की तलाश में जुट गई है। सूत्रों के मुताबिक यह व्यक्ति अनुभव सिंह है और उसे दरोगा के नाम से जाना जाता है। कुछ समय पहले ही वह नैनी जेल से छूटकर आया है। सूत्रों की माने तो वह जिस युवक से हास्टल परिसर में लड़ाई हुई थी वह अनुभव का दोस्त है। पुलिस ने अनुभव तक पहुंचने के लिए ताबड़तोड़ दबिश दी लेकिन समाचार लिखे जाने के समय तक वह उसके हत्थे नहीं चढ़ा था।

सीसीटीवी फुटेज का सच

2.18.06 बजे: एक युवक ताराचंद हास्टल से भागते हुए बाहर जा रहा है मोबाइल पर बात कर रहा है

2.18.37 बजे: वहंी शख्स अपने आठ साथियों के साथ वापस ताराचंद हास्टल के अंदर जाते दिख रहा है

2.18.49 बजे : आधा दर्जन से अधिक युवक ताराचंद हास्टल की तरफ जाते हुए दिखे

2.19.50 बजे : हमलावार युवक हास्टल परिसर के अंदर प्रवेश कर गए

2.19.52 बजे : वही युवक जो पहले भागते हुए दिखा एक बार फिर से तेजी से हास्टल से बाहर भागते हुए दिख रहा है

ईसीसी नेता से क्या दुश्मनी

44 साल के राजेश यादव की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के समय उनके खिलाफ एक भी मुकदमा नहीं था। करीब चार महीने पहले उनके खिलाफ पहला मुकदमा जार्जटाउन थाने में दर्ज हुआ था। इसे दर्ज कराया था ईसीसी के छात्र नेता विकास कुमार ने। एसओ जार्जटाउन पंकज सिंह ने बताया कि दरभंगा कॉलोनी निवासी विकास कुमार पुत्र रामराज ने राजेश और उनके साथियों के खिलाफ 12 मई को जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि आर्शीवाद अपार्टमेंट में राजेश अपने साथियों के साथ असलहे से लैस होकर पहुंचे थे और जान से मारने की नीयत से उनकी पिटाई की। घटना के पीछे पैसे का विवाद बताया जा रहा है। मुकदमा दर्ज होने के बाद राजेश ने भी विकास के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इन दोनो मुकदमो में चार्जशीट लग चुकी है। अब पुलिस पता लगा रही है कि दोनों में रंजिश किस स्तर की थी।

घटना पर उठ रहे सवाल

आलोक ने मोनिका को फोन पर क्यों कहा कि वह राजेश को घर बुला लें और निकलने न दें?

अनुभव-विकास आदि डॉ। मुकुल सिंह से जुड़े थे तो राजेश से उनका विवाद क्यों हुआ?

डॉ मुकुल ने पड़ोसी होने के बाद भी तत्काल पत्‍‌नी को क्यों नहीं दी हत्या की सूचना?

पांच लाख रुपए किसके लिए कैश लेकर ताराचंद हॉस्टल गए थे राजेश?

पत्‍‌नी से झूठ क्यों बोला कि वह पूर्व विधायक से मिलने जा रहे हैं?

ताराचंद हॉस्टल फोन करके किसने बुलाया था राजेश को?

राजेश को एक ही गोली लगी तो दो अन्य खोखे स्पॉट पर कैसे मिले?

डॉ। मुकुल, राजेश के पड़ोसी और दोस्त थे। पत्‍‌नी उन पर क्यों हत्या का आरोप लगा रही हैं?

बालू के धंधे में हाथ डालना तो नहीं बन गया हत्या का कारण?

राजेश की पत्‍‌नी की तहरीर पर डॉ मुकुल समेत कई अन्य पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। हत्या से जुड़े कुछ क्लू मिले हैं। इसे वेरीफाई कराया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे लोगों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है। इनसे घटना का खुलासा हो सकता है।

आनंद कुलकर्णी,

एसएसपी, इलाहाबाद