मेन गेट से लेकर अंदर तक होती थी आगवानी, आए दिन होती थी पार्टी

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के ताराचंद हॉस्टल में सोमवार की देर रात बसपा नेता राजेश यादव और डा। मुकुल सिंह का पहुंचना कोई नई बात नहीं थी। आए दिन ऐसा होता था। रात बारह बजे के आसपास राजेश और डॉ। मुकुल ताराचंद हॉस्टल पहुंचते थे और उनका दरबार लगता था। हॉस्टल के छात्र दोनों प्रभावशाली व्यक्तियों की आगवानी करते थे। कुछ छात्र उनकी सेवा व आवभगत में लगे रहते थे।

पैर छूने वालों की लगती थी लाइन

नाम न छापने की शर्त पर बसपा नेता राजेश यादव के एक खास मित्र ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर को बताया कि कैंपस में जैसे ही राजेश यादव की फॉ‌र्च्यूनर रुकती थी, पैर छूने वालों की लाइन लग जाती थी। आगवानी करने वाले उन्हें भईया बुलाते थे। अपने कमरे में ले जाकर बैठाते थे। इसके बाद होने वाला खर्च यही दोनो वहन करते थे। खर्चे की कोई लिमिट नहीं थी तो खाना-पीना सब चलता रहता था। दोनो छात्रों की समस्याओं को भी सुनते थे और जरूरतमंदों की मदद करते थे, इससे राजेश ताराचंद के हॉस्टलर्स का फेवरेट था। उसके एक इशारे पर यहां के छात्र कुछ भी करने को तत्पर रहते थे।

राजेश का प्रभाव छात्रनेताओं को नहीं आता था रास

कुछ छात्र जहां बसपा नेता के प्रभाव और ठाठ से प्रभावित थे तो कुछ छात्रनेता ऐसे भी थे जिन्हें हॉस्टल में लगने वाला दरबार रास नहीं आता था। राजेश और मुकुल के पहुंच जाने के बाद उन्हें भाव नहीं मिलता था। दोनो की मौजूदगी उनकी सत्ता को सीधे चुनौती होती थी। इसी को लेकर सोमवार की देर रात बसपा नेता पर हमला हुआ। इसीलिए कुछ दिन पहले ही जेल से छूट कर आए प्रभावशाली छात्र का नाम घटना में सामने आ गया है।

दो को पुलिस ने उठाया

राजेश हत्याकांड का खुलासा करने के लिए काम कर रही पुलिस टीमों के हाथ वे दो छात्र लग गए हैं जो सीसीटीवी फुटेज में घटना की रात कैद हुए थे। इन दोनों को क्राइम ब्रांच ने अपनी कस्टडी में ले लिया है और पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि इन दोनों ने उन सभी आठ लोगों के नाम बता दिए हैं जो फुटेज में दिख रहे हैं। गोली मारने वाले का नाम भी पुलिस को पता चल जाने की सूचना है। लेकिन, ऑफिशियली पुलिस दोनो को पकड़े जाने से भी इंकार करती रही। एएसपी पूर्णेन्दु सिंह कुछ भी बोलने से इंकार करते रहे। बताया कि जांच चल रही है। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द मामले का खुलासा कर दिया जाय।