PATNA : बीएसएससी पेपर लीक कांड के शुरुआती दौर में एक चौंकाने वाली बात सामने आई थी। गिरफ्तारी से पहले पूर्व सेक्रेटरी परमेश्वर राम ने खुलासा किया था कि उनके पास कई नेताओं और मिनिस्टर के कॉल व मैसेज पैरवी के लिए आते थे। अब ये बात करीब-करीब साबित भी हो गई है। अपने चहेतों के लिए एग्जाम से पहले आरजेडी के बड़े नेता व पूर्व सेंट्रल मिनिस्टर रघुवंश प्रसाद सिंह का नाम सामने आया है। इन्होंने प्रियंका कुमारी नाम की एक युवती के लिए पैरवी की थी। इनके बाद दो बड़े नाम सामने आए हैं। जो वर्तमान नीतीश सरकार में मिनिस्टर भी हैं। इनमें मिनिस्टर आलोक मेहता और कृष्ण नंदन वर्मा शामिल हैं। इन दोनों मिनिस्टर ने अपने चहेतों के लिए परमेश्वर राम के पास पैरवी की थी।

BJP विधायक का आया नाम

परमेश्वर राम के पास बीएसएससी के इंटर लेवल एग्जाम के साथ ही एएनएम बहाली के लिए भी पैरवी की गई थी। पैरविकारों में दो विधायक भी शामिल हैं। जिसमें जदयू के राम बालक सिंह का नाम सामने आया है। इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि जो बीजेपी इस मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरते रही है। उसके विधायक सुरेश शर्मा ने भी अपने चहेते कैंडिडेट के लिए पैरवी की थी।

ये देखिए किसने किसके लिए की थी पैरवी

आरजेडी नेता व पूर्व सेंट्रल मिनिस्टर रघुवंश प्रसाद सिंह ने कैंडिडेट प्रियंका कुमारी, रोल नंबर 31619751 के लिए पैरवी की थी।

बिहार के पीएचई एंड लॉ मिनिस्टर कृष्ण नंदन वर्मा ने कैंडिडेट सुलेखा सिन्हा, रोल नंबर 31618661 के लिए पैरवी की थी।

बिहार के कॉपरेटिव मिनिस्टर आलोक मेहता ने कैंडिडेट बेबी कुमारी, रोल नंबर 31615417 के लिए पैरवी की थी।

कहीं पैरवी ने नौकरी तो नहीं दे दी

एसआईटी का कहना को परमेश्वर राम के पास अधिकांश पैरवी एएनएम की बहाली के लिए किया गया था। पूरे मामले की जांच चल रही है। अगर जांच में पाया गया कि जिन कैंडिडेट्स की पैरवी हुई थी और उनकी बहाली कर दी गई है तो वैसे में पैरवी करने वाले और बहाली करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित डिपार्टमेंट को लिखा जाएगा।

ऐसे हुआ खुलासा

एसआईटी ने जब परमेश्वर राम को गिरफ्तार किया था। उसी वक्त उनके पास से बरामद नोकिया का एक पुराना मोबाइल जब्त किया गया था। जिसमें बीएसएनएल का सिमकार्ड लगा था। परमेश्वर के मोबाइल नंबर का एसआईटी ने सबसे पहले कॉल डिटेल्स यानी सीडीआर खंगाला। इसके बाद मोबाइल को जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लैब भेजा। एफएसएल जांच में कुछ वैसे मैसेज को भी रिकवर किया गया, जिन्हें पहले ही मोबाइल से डिलीट कर दिया गया था।

पुख्ता करने में जुटी है SIT

एसआईटी ने माना है कि परमेश्वर राम के पास कई लोगों ने पैरवी की है। अलग-अलग मोबाइल नंबर से किए गए मैसेज जांच में मिले हैं। लेकिन जांच में सामने आया मोबाइल नंबर किसका है और किस नाम से है? साथ ही मैसेज को किसने भेजा था? इसकी जांच चल रही है। एफएसएल की कुछ रिपोर्ट का आना अभी बाकी है। बचे रिपोर्ट भी जल्द आ जाएगी। जिसके बाद पता चलेगा कि पैरवी के लिए जिन मोबाइल नंबर से मैसेज आए थे वे मिनिस्टर और विधायक के हैं या नही।

जनहित के लिए अधिकारियों को फोन करना आम बात है। अगर पैरवी की बातें आ रही हैं, तो गलत नहीं होंगी। मुझे ठीक से याद नहीं कि किसके लिए कब पैरवी की थी।

- आलोक कुमार मेहता, कॉपरेटिव मिनिस्टर

मैं एक राजनीतिक व्यक्ति हूं। राजनीतिक व्यक्ति को पैरवी करनी ही पड़ती है। अनुशंसा करने की फरियाद लेकर मेरे पास लोग आते हैं तो उनकी बात सुनना मेरा फर्ज होता है।

- कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, पीएचई एंड लॉ मिनिस्टर