अब बढ़ेगा पीपीएफ में लॉक-इन पीरियड
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुनियादी ढांचागत विकास के लिए जरुरी लॉगटर्म फंड को जुटाने के लिए पीपीएफ अकाउंट में लॉकइन पीरियड बढ़ाने के संकेत दिए हैं. सूत्रों के अनुसार ‘बजट के लिये बुनियादी ढांचे का वित्त पोषण प्रमुख मुद्दा है. पीपीएफ दीर्घकालीन निवेश है और पीपीएफ के लिये ‘लॉक-इन’ अवधि की मियाद बढ़ाने से कोष को बुनियादी ढांचे में लगाने की गुंजाइश बढ़ेगी.' गौरतलब है कि वित्तमंत्री आगामी 28 फरवरी को 2015-16 के बजट को पेश करने वाले हैं.

वित्त मंत्रालय के पास हैं दो विकल्प

वित्त मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, 'वित्त मंत्रालय के पास दो प्रस्ताव हैं. पहला ‘लॉक इन’ अवधि को कम-से-कम दो साल बढ़ाकर आठ साल करना तथा दूसरा निवेश की परिपक्वता अवधि 15 साल से बढ़ाना है.’ उल्लेखनीय है कि पीपीएफ में 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर आयकर की धारा 80C के तहत छूट मिलती है. दरअसल पिछले बजट में ही इस सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये किया गया है. इसके साथ ही पीपीएफ अकाउंट पर फिलहाल 8.7 परसेंट की दर से इंटरेस्ट मिल रहा है. अगर लॉक इन नियमों की बात की जाए तो फिलहाल कोई भी व्यक्ति इस अपनी पीपीएफ अकाउंट में कम से कम 500 रुपये और अधिक से अधिक 1.5 लाख रुपये जमा कर सकता है. वहीं कोई भी अपनी पीपीएफ अकाउंट से पांच साल पूरा होने पर अपने निवेश का 50 परसेंट पैसा निकाल सकता है. इसके साथ ही 15 सालों बाद कोई निवेशक पीपीएफ अकाउंट से पैसा निकाल सकता है या फिर हर पांच साल बाद बढ़ा सकते हैं.

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