- आरटीई के तहत प्रदेश में पढ़ रहे हजारों बच्चों का भविष्य आ सकता है संकट में

- निजी स्कूलों ने बजट मुहैया कराने के लिए तय की 31 दिसंबर की डेडलाइन

DEHRADUN: आरटीई के तहत बजट न मिलने से नाराज प्राइवेट स्कूलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। स्कूलों ने फ्क् दिसंबर तक बजट न मिलने पर अगले सेशन से बच्चों को न पढ़ाने का ऐलान किया है। स्कूलों के इस कमद से प्रदेश के फ् हजार से ज्यादा स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ने वाले लाखों बच्चों का भविष्य संकट में आ सकता है।

बजट रोकने का आरोप

केन्द्र से शिक्षा विभाग को आरटीई के तहत मिलने वाले बजट का भुगतान न होने की वजह से प्राइवेट स्कूलों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन ने सरकार को बजट दिलाने के लिए फ्क् दिसंबर की डेडलाइन तय की है। जिसके लिए अगले क्भ् दिनों में सभी स्कूल बैठक भी करेंगे। स्कूलों का कहना है कि पहले भी कई बार केन्द्र की ओर से बजट रोका गया है, विरोध दर्ज कराने पर ही केंद्र ने बजट जारी किया। पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने बताया कि अब तक स्कूलों का सरकार पर करोड़ों रुपए का बजट बकाया है। बताया कि फ्0 नवंबर तक वे सरकार को एक बार फिर नोटिस भेजेंगे। इसके बाद फ्क् दिसंबर तक पैसा न मिलने की सूरत में वे अगले सेशन से बच्चों को पढ़ाना बंद कर देंगे। इसके साथ ही उन्होंने मामले को लेकर कोर्ट तक जाने की भी बात कही है।

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ख् साल से स्कूलों को बजट नहीं मिला है। जिससे स्कूलों की आर्थिक स्थिति भी खराब होने लगी है। हम अगले क्भ् दिनों में निर्णायक फैसला लेंगें। अगर फ्क् दिसंबर तक पैसा नहीं मिला तो बच्चों को अगले सेशन में पढ़ाना बंद कर देंगे।

प्रेम कश्यप, अध्यक्ष पीपीसीए

- 8क् करोड़ रुपए सालाना फीस है आरटीई की

- क्.0भ् लाख बच्चे पढ़ रहे आरटीई के तहत

- फ्009 स्कूलों का रुका है बजट

- 9.7भ् करोड़ बकाया ख्0क्भ्-क्म् का आरटीई में।