- नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में सीएम ने 7,650 करोड़ रुपये मांगे

DEHRADUN:

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्र सरकार ने राज्य को जल्द से जल्द 7,650 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की मांग की है। इसमें 2000 करोड़ रुपये 14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई, 1650 करोड़ रुपये जल विद्युत परियोजनाओं के बंद होने के कारण राज्य को हुए नुकसान की भरपाई और 4000 करोड़ रुपये राज्य की ओर से दी जाने वाली पर्यावरणीय सेवाओं के लिए ग्रीन बोनस शामिल हैं। रविवार को यह बैठक राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई।

किसानों की इनकम बढ़ाएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में जल्द ही एसजीएसटी (स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स) को राज्य विधानसभा से पास करवाया जाएगा। सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए बागवानी, जैविक कृषि, पर्यटन, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, वानिकी व जड़ी बूटी, आयुष चिन्हित किए गए हैं। ख्0ख्0 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए जैविक कृषि, दलहनी खेती में आत्मनिर्भरता, बीज प्रतिस्थापन में वृद्धि, कृषि विपणन, वैज्ञानिक कृषि पर विशेष रूप से बल दिया जा रहा है।

फ्08म् गांवों में डिजिटल इंडिया नहीं

मुख्यमंत्री ने फ्08म् गांवों को मोबाइल कनेक्टीवीटी से जोड़े जाने के लिए दूरसंचार विभाग को निर्देशित किए जाने का भी अनुरोध किया ताकि डिजिटल इंडिया के विजन को साकार किया जा सके।

पलायन रोकना होगा

रावत ने कहा कि राज्य के सामरिक महत्व के दृष्टिगत अवस्थापना सुविधाओं का सृजन करना अत्यन्त आवश्यक है, ताकि सुदूरवर्ती क्षेत्रों से पलायन की समस्या रोकी जा सके, सुदूरवर्ती इलाकों में रोजगार सृजन हेतु व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ाया जा सके एवं अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा भी प्रभावी रूप से की जा सके।

ये संकल्प रखे

- राज्य में क् करोड़ ब् लाख म्0 हजार आधार कार्ड बना दिये गये हैं एवं राज्य के समस्त नागरिकों के आधार कार्ड शीघ्र बना दिये जाएंगे।

- वर्तमान उच्च आर्थिक विकास दर को बनाये रखने, अ‌र्न्तक्षेत्रीय विषमताओं को दूर करने, दीर्घकालीन आजीविका व्यवस्था को सुदृढ़ करने के प्रयास होंगे।

- ऊर्जा के नवीनीकरणीय स्त्रोतों को बढ़ावा दिया जाएगा।

- एसजीएसटी ड्राफ्ट को विधान सभा से पास कराया जायेगा।

- औद्यानिक विकास, पशुपालन, डेरी विकास, मत्स्य पालन की योजनाओं को समेकित करते हुए वर्ष ख्0ख्ख् तक कृषकों की आय दोगुनी करने हेतु निम्नलिखित रणनीति अपनायी जायेगी।

- दलहन एवं तिलहन उत्पादन में आत्म निर्भरता हासिल की जाएगी।

- स्थानीय फसलों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

ये मांगे रखी

- पर्वतीय एवं पूर्वोत्तर राज्यों हेतु एक मंत्रालय का गठन किया जाय जो इस क्षेत्र की विकास रणनीति हेतु कार्य करे।

- ऐसा न होने पर नीति आयोग में इस प्रयोजन हेतु एक प्रकोष्ठ अवश्य स्थापित किया जाये।

- नदी घाटी परियोजनाओं पर पाबंदी के बाद पूर्ण विद्युतीकरण के लिए केंद्र सरकार मदद करे।

- भागीरथी ईको सेंसिटिव जोन में म्0 डिग्री से अधिक क्त्रास स्लोप को ही स्टीप स्लोप माना जाता है, ताकि यहां विकास कार्य हो सकें अभी ख्0 डिग्री क्रॉस स्लोप को स्टीप स्लोप माना गया है।

- उत्तराखण्ड द्वारा देश और विश्व को दी जा रही ब्0,000 करोड़ की पर्यावरणीय सेवाओं के बदले इस राशि का क्0 प्रतिशत ग्रीन बोनस मिले।

भागीरथी इको सेंसिटीव जोन का दायरा बढ़ाया गया है, इस पर पुनर्विचार हो।

- फ्फ्7 से अधिक संवेदनशील गांवों को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर बसाने में केंद्र सरकार मदद करे।