-नये बजट के बाद अब कालाधन रखने वालों के लिए नहीं बचेगा कोई रास्ता

-करदाता अगर नहीं देगा टैक्स तो उसे भरना पड़ेगा फाइन

VARANASI

यह बजट कर प्रावधानों के हिसाब से काफी बेहतरीन माना जाएगा। कालाधन रखने वालों के लिए अब कोई रास्ता नहीं बचेगा। अगर करदाता ईमानदारी से टैक्स नहीं देता है तो उसे फाइन देने के लिए तैयार रहना होगा। जिस तरीके से गवर्नमेंट ने स्वच्छ भारत के तहत गली मुहल्लों में सफाई अभियान चलाया है उसी तरह फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने ब्लैक मनी का सफाया करने के लिए क्लीन ब्लैक मनी अभियान शुरू किया है। इससे देश में कालेधन का सफाया तेजी से होगा।

कहीं खुशी, कहीं गम

दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया वाराणसी शाखा के पूर्व चेयरमैन जय प्रद्धवानी ने बताया कि जिन लोगों ने कभी कोई आईटीआर दाखिल नहीं किया है और वे पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न भर रहे हैं, उनके लिए खुशखबरी है। सरकार इनसे कोई पूछताछ नहीं करेगी। पांच लाख रुपये तक की इनकम वालों के लिए केवल एक पेज का आयकर रिटर्न रहेगा। इनको इनकम टैक्स भी केवल पांच परसेंट ही लगेगा। जिनकी सालाना इनकम भ्0 लाख से एक करोड़ तक रहेगी उनको अपने पूरे इनकम टैक्स पर क्0 परसेंट एक्स्ट्रा सरचार्ज के रूप में भरना होगा। एक करोड़ से ज्यादा की इनकम वालों को अपने इनकम टैक्स पर क्भ् परसेंट एक्स्ट्रा सरचार्ज के रूप में जमा करना होगा। वहीं छोटी कंपनियों को गवर्नमेंट ने राहत दी है। अब उन्हें फ्0 परसेंट की जगह केवल ख्भ् परसेंट ही इनकम टैक्स भरना होगा। जमीनों की खरीद-बिक्री पर लगने वाले लान्ग टर्म कैपिटल गेन को अब तीन साल की अवधि के बजाय दो साल कर दिया गया है।

बैंकिंग चैनल से पेमेंट जरूरी

अब गवर्नमेंट ने नियम बना दिया है कि किसी भी प्रकार की खरीद-बिक्री का मूल्य अगर तीन लाख रुपये से ज्यादा है तो उसे कैश में नहीं किया जा सकता है बल्कि अब बैंकिंग चैनल के द्वारा ही किया जा सकेगा। यह नियम कृषि भूमि पर भी लागू रहेगा। कोई भी व्यापारी अब किसी भी मद में क्0 हजार रुपये से ज्यादा का पेमेंट कैश में नहीं कर सकता। पहले यह सीमा ख्0 हजार रुपये थी। कोई भी धार्मिक ट्रस्ट या संस्थान अनुदान दो हजार रुपये से ऊपर कैश में नहीं ले सकता। पहले यह सीमा क्0 हजार रुपये थी।