- कोर्ट ने बिल्डर पर 25 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति और 10 हजार रुपए वाद व्यय का लगाया जुर्माना

- बिल्डर ने प्लॉट बेचते समय बताया कि वह रोड, ड्रेनेज और बीडीए से कॉलोनी को कराएगा अप्रूव, लेकिन नहीं कराया

BAREILLY :

शहर के एक बिल्डर को धोखाधड़ी कर प्लॉट बेचना मंहगा पड़ गया। प्लॉट खरीदार ने परेशान होकर कंज्यूमर फोरम में वाद दायर कर दिया। जिस पर कंज्यूमर फोरम कोर्ट प्रथम के अध्यक्ष ने सुनवाई करते हुए बिल्डर दोषी माना। कोर्ट ने बिल्डर को प्लॉट के लिए ली गई धनराशि 6,83,000 रुपए, वापस करने के साथ 35,000 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही कोर्ट ने जुर्माना राशि का एक माह के अंदर भुगतान करने का आदेश दिया है। एक माह के अंदर भुगतान नहीं करने पर बिल्डर को 7 प्रतिशत साधारण ब्याज भी जमा करने का आदेश्ा दिया है।

वर्ष 2014 में खरीदा था प्लॉट

हार्टमैन कॉलेज के पास सिद्धार्थ नगर निवासी अमित कुमार सक्सेना ने कोर्ट में दायर वाद में बताया कि उन्होंने शहर के एक बिल्डर से 109.43 गज का प्लॉट 24 जुलाई 2014 को 13,67,875 रुपए में खरीदा था। जिसके लिए बिल्डर को तुरंत 50 हजार रुपए चेक भी दे दिया। बिल्डर ने प्लॉट बेचते समय बताया कि वह छह से आठ माह के अंदर ही साइट को डेवलप कर कॉलोनी बीडीए से अप्रूव कराने के साथ वहां ड्रेनेज और 30 फिट का रोड बनवा देगा। बिल्डर की बातों को सच समझ अमित कुमार सक्सेना ने 2,90,000 और 3,41,000 रुपए भी प्लॉट पर फाइनेंस कराने के बाद दे दिए। बिल्डर ने अमित से रुपए लेने के बाद न तो बिक्री पत्र दिया और न साइट पर रोड, ड्रेनेज की व्यवस्था कराई और न ही बीडीए से कॉलोनी को भी अप्रूव्ड कराया।

बिल्डर नहीं पहुंचा कोर्ट

अमित ने बिल्डर से साइट पर काम कराने और बिक्री पत्र देने के लिए कहा, लेकिन न तो बिल्डर ने साइट पर काम कराया और न ही बिक्री पत्र दिया । परेशान होकर अमित कुमार सक्सेना ने वर्ष 2017 में कज्यूमर फोरम फ‌र्स्ट में वाद दायर कर दिया। जिस पर कोर्ट ने बिल्डर को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया। लेकिन बिल्डर पक्ष रखने के लिए कोर्ट ही नहीं पहुंचा। जिस पर कोर्ट ने एक पक्षीय सुनवाई करते हुए बिल्डर पर 25 हजार रुपए मानसिक क्षति और 10 हजार रुपए वाद व्यय का जुर्माना लगाते हुए प्लॉट के बेचने के लिए ली गई रकम भी वापस करने का आदेश दिया है।