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RANCHI (15 Oct): झारखंड में रियल इस्टेट रेगुलेट्री एक्ट के तहत पिछले ढाई महीने में एक भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ। रेरा को लेकर आज भी कनफ्यूजन ही कनफ्यूजन है। अगस्त महीने में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया था और क्भ् अक्टूबर तक किसी को रजिस्ट्रेशन नहीं मिला है। रेरा को लेकर सरकार भी पूरी तरह संजीदा नजर नहीं आ रही है। अभी तक ना तो कार्यालय है, ना स्टाफ हैं। बस जुडको ऑफिस में रिसेप्शन काउंटर पर सिफ आवेदन जमा हो रहे हैं। आवेदन का क्या होगा, कब मिलेगा कोई बताने वाला नहीं। रेरा कैसे काम करेगा, खरीदारों को कैसे लाभ मिलेगा। वो कहां शिकायत करेंगे कुछ भी तय नहीं किया गया है।

 

बिल्डर व फ्लैट बायर्स परेशान

भले ही अगस्त महीने से ही रियल एस्टेट रेगुलेटरी बिल यानी रेरा को लागू कर दिया गया है, लेकिन झारखंड के तमाम बिल्डर्स और फ्लैट बायर्स अभी भी कनफ्यूज हैं। फ्लैट बायर्स एसोसिएशन और बिल्डर दोनों ही ड्राफ्ट पॉलिसी ना आने को लेकर कनफ्यूज हैं, जिसमें ट्राइब्यूनल नियुक्त करने के साथ-साथ अपनी नीति निर्धारित करनी होगी। एक बिल्डर ने बताया कि हमलोगों ने बस आवेदन दिया है, रजिस्ट्रेशन कब मिलेगा कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।

 

आखिर कहां करेंगे शिकायत

लंबे समय बाद रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट लागू तो हो गया है। लेकिन ऐसी मंजूरी ऐसे कानून का क्या फ ायदा जिसके लिए बना हो उस तक पहुंचाया ही न जाए। इस कानून की आस लगाए बैठे लोग अब अगर शिकायत लेकर जाएं तो कहां जाएं। अगर आज की तारीख में कोई रियल एस्टेट दफ्तर में जाता है तो कहां जाए। ना तो ऑफिस है और ना ही लोग। रेरा के तहत अपनी शिकायत देने जाता है तो वहां कोई भी नहीं मिलता है।

 

अधिकारियों ने खड़े किए हाथ

फिलहाल झारखंड में रेरा का ना तो कार्यालय है और ना ही स्टाफ हैं। इस वक्त रियल एस्टेट दफ्तर में कोई भी अधिकारी इस हाल में भी नहीं कि इसकी बारीकियों के बारे में बता सके। ऐसे में कानून के मुताबिक जो आम लोग अपनी शिकायतें लेकर यहां पहुंचेंगे उनके सामने तो अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ लिया है।

 

फ्0 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन डेट बढ़ी

झारखंड में जुडको ने रेरा में रजिस्ट्रेशन ख्7 जुलाई से शुरू किया है। अभी बहुत कम लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। रेरा के ओएसडी गजानंद राम के मुताबिक, झारखंड में ख्7 जुलाई को रेरा लागू किया गया। इसी दिन से बिल्डर्स और डेवलपर्स का रजिस्ट्रेशन जारी है। रजिस्टेेेेशन फ्0 नवंबर तक बढ़ा दी गई है।

 

एक्ट को लेकर जानकारी नहीं

रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है, लेकिन ज्यादातर बिल्डर्स को इसकी जानकारी नहीं है। वे यह भी नहीं जानते कि रेरा क्या है। ऐसे में वे अपने तमाम प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं, झारखंड में ख्7 जुलाई को इस एक्ट को तो लागू कर दिया गया, लेकिन बिल्डर्स को इसकी जानकारी देने के लिए किसी तरह का कदम नहीं उठाया गया.

 

डॉक्युमेंट अपलोडिंग में परेशानी

बिल्डर्स और डेवलपर्स का कहना है कि रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन कराने में कई तरह की अड़चनें आ रही हैं। इसके लिए जो डॉक्यूमेंट्स मांगे जा रहे हैं, उनमें कई उपलब्ध नहीं हैं। इतना ही नहीं, डॉक्यूमेंट्स को रेरा की वेबसाइट पर अपलोड करने में भी काफ वक्त लग रहा है। अगर प्रोजेक्ट से जुड़ी कोई जानकारी गलत अपलोड हो जाए तो पांच प्रतिशत जुर्माना भी देना होगा। ऐसे में छोटे बिल्डर्स ज्यादा दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।