- झारखंड की ओर मूव कर रहे हैं बिहार के बिल्डर्स

- मास्टर प्लान नहीं मिलने से बढ़ रही है परेशानी

- बिल्डर एसोसिएशन की ओर से गवर्नमेंट को भेजा गया लेटर

PATNA: पिछले ढाई सालों से पांच सौ करोड़ का झटका लगने के बाद अब कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री को एक और बड़ा झटका लगा है, जिसका कारण बिहार के कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के पिलर कहे जाने वाले बिल्डरों का पलायन होना है। बिल्डिंग एसोसिएशन से जुड़े मणिकांत ने बताया कि जिस तेजी से बिहार के मजदूरों ने पलायन किया है अब उसी रफ्तार से बिल्डर भी स्टेट छोड़ रहे हैं, क्योंकि इनका मानना है कि दूसरे स्टेट में काफी स्कोप दिख रहा है, इसलिए वो अब बिहार गवर्नमेंट की लचर व्यवस्था से बाहर निकलकर दूसरे स्टेट की ओर रुख कर रहे है। इसका ताजा आंकड़ा मणिकांत ने दिया है। इनकी मानें, तो अब तक पांच सौ करोड़ के झटके को बर्दाश्त कर पाना इस इंडस्ट्री के लिए आसान नहीं था। बिल्डर साल डेढ़ साल तक ही इंतजार कर सकते हैं।

झारखंड में है स्कोप

बिहार में जब से कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री बंद हुआ है, तब से बिल्डरों ने अपना दूसरा ठिकाना ढूंढ़ना शुरू कर दिया है। अधिकांश बिल्डर यूपी के बजाए झारखंड की ओर मूव कर रहे हैं। क्योंकि झारखंड में गुड़गांव की तरह कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री डेवलप किया जा रहा है। बिल्डर ऐसे एरिया के कंस्ट्रक्शन में भी पैसा लगाने लगे हैं। बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के स्टेट चेयरमेन मणिकांत ने कहा कि बिल्डर्स की भी अपनी फैमिली है उन्हें भी पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में यदि पैसे कमाना हो तो आप कहीं भी मूव कर सकते हैं।

Highlights

इसलिए मूव कर रहें बिल्डर्स।

- लगातार तीन सालों से नहीं पास हो रहा नक्शा।

- काफी बढ़ता जा रहा है जमीन की रजिस्ट्री का रेट।

- प्लानिंग रिपोर्ट को बंद होने से हो रही परेशानी।

- लंबित है निगम निगरानी की जांच की प्रक्रिया।

- कंस्ट्रक्शन के लिए जरूरी इंस्ट्रूमेंट व मजदूरों की किल्लत।