-अवैध खनन मामलों की सीबीआई जांच शुरू होने से ट्रकों मौरंग, बालू जब्त

-मौरंग, बालू के रेट कई गुना बढ़े, पिछले पांच वर्षो में सबसे अधिक

-प्राइवेट से लेकर गवर्नमेंट हाउसिंग प्रोजेक्ट्स प्रभावित, कंस्ट्रक्शन व‌र्क्स रुके

(एक्सक्लूसिव)

KANPUR: अवैध खनन को लेकर सीबीआई जांच शुरू होने का असर बिल्डिंग मैटेरियल्स पर तेजी से हो रहा है। मौरंग व बालू के रेट दोगुने से अधिक हो चुके हैं, जो कि पिछले 5 सालों में सबसे अधिक है। इधर सीबीआई की सख्ती और डम्प किए गए मौरंग, बालू जब्त किए से मार्केट में क्राइसिस हो गई। दुकानदारों तक को मौरंग व बालू मिलना मुश्किल हो गई है। मनमाने दामों के चलते लोग घर बनाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। कंस्ट्रक्शन वर्क बन्द कर दिया है। इससे केडीए सहित अन्य के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के अलावा डेवलपमेंट व‌र्क्स भी नहीं बच पा रहे हैं।

पांच साल में सबसे अधिक रेट बढ़े

अवैध खनन को हाईकोर्ट के सख्त रुख से पहले से बालू, मौरंग के रेट बढ़ गए। इधर सीबीआई ने भी जांच शुरू कर दी है। इससे बरसात और नदियों में बाढ़ के चलते मौरंग और बालू डम्प करने वालों को जोरदार झटका लगा है। डम्प की गई ट्रकों मौरंग जब्त भी हो चुकी है। इससे मोटी कमाई की आस में डम्प करने वाले कालाबाजारी मौरंग और बालू सप्लाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। जिसके चलते पहले से ही मौरंग और बालू की कीमतों 2-3 महीने में ही दोगुने से भी अधिक हो चुकी है।

मौरंग और बालू की मार्केट में क्राइसिस हो गई और रेट से बढ़ते जा रहे है।

माल भी नहीं, खरीददार नहीं

आर्य नगर चौराहा के पास स्थित बिल्डिंग मैटेरियल के दुकानदार शिवशंकर लाल पाण्डेय ने बताया कि खनन बन्द होने और सीबीआई की जांच की वजह से मौरंग व बालू नहीं आ रही है। बालू काफी दिनों पहले ही खत्म हो चुकी है। अब मौरंग भी नहीं बची। बरसात से पहले मौरंग का जो होलसेल व्यापारियों ने स्टॉक किया था। वह सीबीआई जांच की वजह से सप्लाई नहीं कर रहे हैं। जो सप्लाई कर रहे हैं वह मनमाने दाम मांग रहे हैं। जिसके चलते लोगों ने कंस्ट्रक्शन वर्क बन्द कर दिया है। वहीं ग्वालटोली के बिल्डिंग मैटेरियल दुकानदार इमरान ने बताया कि मौरंग, बालू न आने और दाम भी दोगुने से ज्यादा होने की वजह से पूरा बिजनेस चौपट हो गया। खरीददार ही नहीं आ रहे है। शायद लोगों ने घर बनाने का काम बन्द कर दिया है।

मकान से लेकर फ्लैट तक प्रभावित

केडीए में एवरेज हर महीने रेजीडेंशियल बिल्डिंग्स के मैप की 100 अप्लीकेशन आती है। हालांकि इससे एनफोर्समेंट टीम की मिलीभगत से तीन गुना से अधिक घर व अन्य बिल्डिंग्स का कंस्ट्रक्शन होता है। वहीं सिग्नेचर सिटी, समाजवादी आवास योजना, अफोर्डेबल हाउस आदि के अ‌र्न्तगत शताब्दी नगर, जवाहरपुरम, विकास नगर, किदवई नगर आदि में हजारों फ्लैट व मकान बना रहा है। इसके अलावा कैनाल पटरी में मल्टीलेवल पार्किग ऑफिस काम्प्लेक्स, परेड में मल्टीलेवल पार्किग कम शॉपिंग प्लाजा, शताब्दी नगर में स्टेडियम आदि प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। लेकिन मौरंग व बालू के रेट दोगुने हो जाने से घर से लेकर प्राइवेट व गवर्नमेंट हाउसिंग प्रोजेक्ट के अलावा कंस्ट्रक्शन वर्क भी प्रभावित हैं। बढ़ती लागत को देखकर कांट्रैक्टर्स ने कंस्ट्रक्शन वर्क बन्द कर दिए हैं या रफ्तार स्लो कर दी है।

--बालू, मौरंग के रेट बहुत बढ़ गए और मिलना मुश्किल हो गई। इसकी वजह हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का काम प्रभावित है.- दीपक गुप्ता, एक्सईएन केडीए

-- बालू, मौरंग की वजह से सभी कंस्ट्रक्शन वर्क बहुत प्रभावित है। रेट एकदम से बहुत बढ़ गए हैं और माल भी नहीं मिल पा रहा है.- मनोज मिश्रा, एक्सईएन केडीए

अब मौरंग, बालू मिलना भी हो गया मुश्किल

बिल्डिंग मैटेरियल- पहले रेट- अब रेट

मौरंग- 3000 रु। - 7000 रु।

बालू- 2200 रु। - 5000 रु।

गिट्टी- 3500 रु। - 3500

ईंट- 7200 रु। - 7000 रु।

(ईंट के रेटप्रति हजार और अन्य के रेट प्रति 100 फिट में हैं)

केडीए के प्रोजेक्ट

शताब्दी नगर में 720 एलआईजी,752 ईडब्लूएस भवन- 7753.54 लाख

शताब्दी नगर में 1216 एमआईजी भवन- 10944.94 लाख

शताब्दी नगर में 2256 ईडब्ल्यूएस भवन- 10015.40 लाख

जवाहरपुरम में 840 एमआईजी भवन (स.आ.योजना)- 10416.75 लाख

केडीए ड्रीम्स, हाईट व ग्रीन्स- 36606.58 लाख

शताब्दी नगर में स्टेडियम, स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स-3172.42 लाख

कैनाल पटरी में मल्टीलेवल पार्किग- 824.58 लाख

रायपुरवा में पशु चिकित्सालय- 102.10 लाख