RANCHI : नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने के मामले में जैप के जवान भी शामिल है। जैप के जवान भी नक्सलियों को इंसास, एके-47 के कारतूस सप्लाई करते थे। इसका खुलासा रांची पुलिस की गिरफ्त में आए हथियार सप्लायर आशीष नेपाली ने गुरुवार को पुलिस अधिकारियों के समक्ष किया। उसने बताया कि जैप के दो बर्खास्त सिपाही नीरज और भीम भी कारतूस की सप्लाई करते है। जब पुलिस ने उन जवानों के बारे में जानकारी ली तो पाया कि पुलिस मुख्यालय ने दोनों को कर्तव्यहीनता के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया है। आशीष नेपाली ने पुलिस को उन बर्खास्त जवानों के नाम भी बताए हैं।

तीन सौ का कारतूस चार सौ में

नक्सलियों को सप्लाई किए जानेवाले कारतूस बिहार से भी सप्लाई किया जाता था। आशीष कारतूस विक्रेता से तीन सौ रुपए में खरीदता था और नक्सलियों को एक गोली पर एक सौ रुपए मुनाफा पर बेच देता था। अबतक उसने चार से पांच हजार कारतूस की सप्लाई की है। एक पुलिस अधिकारी के पूछने पर उसने बताया कि जब पुलिस नक्सलियों के साथ मुठभेड़ करती थी तो जवान मुठभेड़ के दौरान ज्यादा से ज्यादा कारतूस अपने पास रख लेते थे और उन्हें मुठभेड़ में खर्च दिखाते थे। इसके बाद वे उन कारतूसों को बेच देते थे।

स्नूकर का शौकीन है आशीष नेपाली

आशीष नेपाली ने पुलिस को बताया है कि वह स्नूकर का शौकीन है। वह रांची के चर्च कांपलेक्स में आकर स्नूकर खेलता था। इसमें उसके अन्य सप्लायर दोस्त भी शामिल होते थे।

नामकुम थाने में हो रही पूछताछ

आशीष नेपाली से पुलिस नामकुम थाने में पूछताछ कर रही है। पूछताछ में आशीष नेपाली ने पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी है। उसने यह भी कहा है कि कारतूस का सौदा वह खुद करता था। जब भी नक्सलियों की कोई मुठभेड़ होती थी तो उसके साथी उसे कारतूस के लिए फोन करते थे। वह कारतूस जुगाड़ कर नक्सलियों के ठिकानों पर पहुंचा दिया करता था। गौरतलब हो कि नवंबर महीने में पुलिस की टीम ने पीएलएफआई के दो उग्रवादी गुमला निवासी मनोज कुमार और योगेंद्र राम को स्टेशन रोड स्थित पटेल चौक से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उनलोगों के पास से इंसास की 90 गोलियां और एके-47 की 93 गोलियां बरामद की थी। उनलोगों को उक्त कारतूसें पीएलएफआई के अर्जुन राम तक पहुंचाना था। इसी क्रम में पूछताछ में इनलोगों ने पुलिस को बताया कि डोरंडा का आशीष नेपाली, नीरज उन्हें कारतूस दिया करता था।