LUCKNOW :

 

कृष्णा नगर के प्रेम नगर में किराए के कमरे में गुरुवार दोपहर रेलवे कर्मी और उसकी भाभी का रहस्यमय हालत में शव मिला। दोनों के शव पुलिस ने पूरी तरह जले बरामद किए। मकान मालिक ने दोपहर सवा तीन बजे कमरे से धुआं उठते देखा और शोर मचाकर आस-पास के लोगों को मदद के लिए बुलाया। कमरे से निकल रहे धुएं को देख आस-पास के लोगों ने दरवाजा तोड़ा और सबमर्सिबल से पानी डालकर आग बुझाई। आस-पास के लोग और मृतक के बेटे ने दोनों की हत्या के बाद शव जलाने की आशंका जताई है जबकि पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है।

 

छिपाकर लिया था किराए का कमरा

हुसैनगंज के मकबूलगंज लाल कुआं निवासी ओम प्रकाश (55) रेलवे में कारपेंटर थे। परिवार में पत्नी, तीन बेटे और एक बेटी है। ओम प्रकाश के बेटे सुधांशु ने बताया कि सुबह 11 बजे ओम प्रकाश घर से निकले थे। सुबह 11.30 बेटी ने उनके मोबाइल फोन पर कॉल किया तो उन्होंने दोस्त के साथ चुनावी रैली में होने की बात कही। सुधांशु का कहना है कि उसके पिता ने कृष्णा नगर के प्रेम नगर में किराए का कमरा लिया था। लेकिन कुछ दिन बाद ही उन्हें हार्ट अटैक होने पर उन्हें वापस घर ले आया था। उसके बाद भी उन्होंने वह कमरा छोड़ा नहीं।

 

भाभी ने ही दिलवाया था कमरा

कृष्णा नगर पुलिस के अनुसार प्रेम नगर में आशा पाल का मकान है। इस मकान में ओम कश्यप ने कमरा किराए पर लिया था। हालांकि वह कभी कभी ही यहां आते थे। रात में कभी नहीं रुकते थे। ओम प्रकाश के साथ कमरे में उसकी भाभी मीना कश्यप (52) की लाश मिली है। मीना का घर प्रेम नगर में है और उसी ने ओम प्रकाश को कमरा दिलवाया था।

 

दोपहर में मिलने आई थी भाभी

ओम प्रकाश की भाभी मीना का घर किराए के कमरे से कुछ ही दूरी पर है। मीना के पति मल्लू भी रेलवे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। मकान मालिक आशा पाल के अनुसार गुरुवार दोपहर करीब 2.45 बजे मीना ओम प्रकाश से मिलने आई थी। ठीक आधे घंटे बाद कमरे से धुआं उठने की जानकारी मिली।

 

परिवार नाराज रहता था

ओम प्रकाश के बेटे सुधांशू ने बताया कि मीना को वह लोग बड़ी मम्मी कहते थे। वह उनके चचेरे रिश्तेदार थे। उनसे बोल चाल नहीं थी। मीना और ओम को लेकर दोनों परिवार में खींचा तानी भी चल रही थी।

 

30 नवंबर को है बेटी की शादी

मीना की बेटी रजनी की शादी 30 नवंबर को है। परिवार में शादी की तैयारी चल रही थी। मीना गुरुवार दोपहर घर से शादी के कार्ड बांटने की बात कहकर निकली थी। 15 अक्टूबर को रजनी की इंगेजमेंट थी। जिसमें ओम प्रकाश के सिवा परिवार का कोई सदस्य शामिल नहीं हुआ।

 

न चीख पुकार और न कोई आवाज

मकान मालिक आशा और मोहल्ले के लोगों का कहना है कि उनके कमरे से केवल धुआं उठता दिखा जबकि न तो ओम और मीना की कोई चीख पुकार सुनाई दी और न ही कोई मदद के लिए आवाज। उनके कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। मीना और ओम की डेडबॉडी पूरी तरह जल गई थी और उनके शव चारपाई के नीचे पड़े थे। माना जा रहा कि चारपाई का बांध जलने के चलते ही दोनों के शव नीचे गिरे होंगे।

 

हालात हत्या की तरफ कर रहे इशारा

जिस कमरे में दोनों के शव मिले उसमें दो दरवाजे थे। एक आगे और दूसरा पीछे की ओर खुलता था। आगे का दरवाजा बंद था जबकि आशंका जताई जा रही है कि पीछे का दरवाजा खुला था। कमरे से पेट्रोल की भी बदबू आ रही थी। आशंका जताई जा रही है कि पेट्रोल डालकर आग लगाई गई है। आग लगने के बाद दोनों के बचने के प्रयास का कोई संघर्ष कमरे में नहीं नजर आ रहा है। जिंदा में अगर दोनों चलते तो उनके चीखने या मदद मांगने की आवाजें आतीं।

 

फारेंसिक टीम ने की जांच पड़ताल

हत्या और आत्महत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए कृष्णा नगर पुलिस दोनों के शव का पोस्टमार्टम करा रही है ताकि मौत की सही वजह सामने आए। इसके अलावा फॉरेंसिक टीम डेडबॉडी और कमरे की जांच कर रही है।

Crime News inextlive from Crime News Desk