- डीडीयूजीयू के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए नही है कंप्यूटराइज्ड लैब

- पिछले कई सालों से मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए नहीं आई एक भी कंपनी

GORAKHPUR: डीडीयूजीयू के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में न मैनेजमेंट के गुर सिखाने के लिए एक्सपर्ट हैं और न ही मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए कंप्यूटराइज्ड लैब। यही नहीं किसी मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी करने का सपना देख रहे यहां के स्टूडेंट्स के लिए आज तक प्लेसमेंट के नाम पर कोई भी कंपनी झांकने तक नहीं आई। हालांकि इस बात को लेकर मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स कई बार डीडीयूजीयू एडमिनिस्ट्रेशन से कंप्लेंट कर चुके हैं, लेकिन इन स्टूडेंट्स की कोई सुध लेने वाला नहीं है।

महज फ्ख् कंप्यूटर के भरोसे स्टूडेंट्स

डीडीयूजीयू के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में एमबीए (मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) और बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) दोनों की क्लासेज चलती हैं। एमबीए में जहां क्ख्0 की निर्धारित सीट में 87 स्टूडेंट्स स्टडी करते हैं। वहीं बीबीए के क्80 की निर्धारित सीट में क्क्म् स्टूडेंट्स इन दिनों क्लास कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि इन मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए पर्याप्त कंप्यूटर्स नहीं है। एमबीए और बीबीए के स्टूडेंट्स पर महज फ्ख् कंप्यूटर्स हैं, जिसके चलते इन स्टूडेंट्स को कंप्यूटर पर वर्क एवं एसाइनमेंट पूरा करने में प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है।

आज तक नहीं हुआ प्लेसमेंट

स्टूडेंट्स की मानें तो प्लेसमेंट के नाम पर आज तक कोई भी कंपनी यहां नहीं आई है, जबकि यूपीटीयू एंट्रेस एग्जाम बीट कर काउंसलिंग के थू्र यहां आए स्टूडेंट्स अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। एमबीए स्टूडेंट्स की माने तो ब्ख्,000 रुपए सालाना फीस जमा किया, लेकिन उसके बाद भी कोई सुविधा नहीं मिली। कमोबेश बीबीए के स्टूडेंट्स का भी यही हाल है। बीबीए स्टूडेंट्स की मानें तो उन्होंने क्7,भ्00 रुपए फीस जमा किए, लेकिन उनके लिए पढ़ाई से संबंधित कोई सुविधा नहीं है।

न जाने कब तक कंप्लीट होगा कंस्ट्रक्शन का काम

यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की मानें तो पिछले कई साल की डिमांड के बाद किसी तरह कंप्यूटर लैब बनाया जा रहा है लेकिन वह भी अंडर कंस्ट्रक्शन है। न जाने तक कब तक काम कंप्लीट होगा। हालांकि डिपार्टमेंट का दावा है कि जल्द ही म्0 कंप्यूटर से लैस लैब बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं बीबीए स्टूडेंट्स का कहना है कि जिस उम्मीद से उन्होंने यहां एडमिशन लिया, यहां की व्यवस्था ठीक विपरीत है।

नहीं मिलती किताबें

बीबीए और एमबीए स्टूडेंट्स की मानें तो मैनेजमेंट से संबंधित किताबें उन्हें पढ़ने को नहीं मिलती हैं, जिसके चलते उन्हें मॉर्केट से किताबें खरीदनी पड़ती है। हालांकि एचओडी का यह दावा है कि मैनेजमेंट की किताबों की खरीदारी के लिए ब् लाख का बजट पास हुआ है। जल्द ही स्टूडेंट्स को नई किताबें पढ़ने को मिलनी शुरू हो जाएंगी।

फ्0 लाख में बनेंगे हॉल

स्टूडेंट्स की मानें तो लेक्चर, सेमिनार आदि के लिए कोई हॉल तक का निर्माण नहीं कराया गया है। जबकि इसके लिए डिपार्टमेंट की तरफ से कई बार प्रयास भी किया गया। वहीं एचओडी ने बताया कि फ्0 लाख की लागत से लेक्चर हॉल और सेमिनार हॉल का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। जल्द ही यह दोनों हॉल बनकर कंप्लीट हो जाएंगे।

स्टूडेंट्स को पूरी सुविधा देने का प्रयास होता है। जल्द ही कंप्यूटर लैब बनकर तैयार हो जाएगा। इसके अलावा लेक्चर हॉल और सेमिनार हॉल भी जल्द बन जाएंगे। रहा सवाल प्लेसमेंट का तो कुछ कंपनियां आई थी लेकिन इसका कोई रिकॉर्ड हमारे पास नहीं है।

प्रो। एमसी गुप्ता, हेड, डिपार्टमेंट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन