- 250 करोड़ रुपये का बजट वन सिटी वन प्रोडक्ट के लिए
- 75 जिलों को मिलेगी 250 करोड़ की कुल धनराशि
- 3.33 करोड़ रूपये ही मिलेंगे मेरठ को स्पोर्ट्स कारोबार के लिए
Meerut । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार को अपना दूसरा बजट पेश किया। बजट में सरकार ने कई दावे किए, लेकिन मेरठ के स्पोर्ट्स कारोबारियों को वन सिटी वन प्रोडक्ट के लिए जो अपेक्षा थी। उसमें मायूसी हाथ लगी। योगी सरकार ने 250 करोड़ रुपये का प्रावधान तो रखा। लेकिन, व्यापारियों की माने तो यह ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है।
500 करोड़ का कारोबार
गौरतलब है कि मेरठ का स्पोर्ट्स कारोबार सालाना 500 करोड़ से ज्यादा का है। कई हजार परिवारों की जीविका इस कारोबार से चलती है। यदि वन सिटी वन प्रोडक्ट के तहत मेरठ की स्पोर्ट्स इंड्रस्ट्री को ज्यादा बजट मिलता तो वाकई कारोबार के साथ कारीगरों की तस्वीर में सुधार आता।
3.33 करोड़ से क्या होगा
यूपी सरकार ने वन सिटी वन प्रोडक्ट योजना के लिए मेरठ के स्पोर्ट्स कारोबार को चुना है। वहीं सरकार ने महज 250 करोड़ रुपये इस योजना के लिए दिए हैं। इस हिसाब से एक जिले को सिर्फ 3.33 करोड़ रुपये ही मिलेंगे। जोकि किसी भी कारोबार को बढ़ावा देने के लिए नाकाफी है।
छोटो कारोबारियों को मिलता मुकाम
जम्मू कश्मीर, जालंधर के बाद मेरठ के स्पोर्ट्स कारोबार की पहचान दुनिया भर में है। यहां पर देश ही दुनिया भर खिलाड़ी स्पोर्ट्स के आइट्म लेने के लिए आते हैं। यदि वन सिटी वन प्रोडक्ट में और ज्यादा बजट मिलता तो इसका फायदा छोटे कारोबारियों को भी मिलता। वे भी अपना प्रोडेक्ट देश व दुनिया में बेच पाते।
वन सिटी वन प्रोडेक्ट के लिए सरकार ने जो 250 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। वह हर जिले के लिए नाकाफी है। 250 करोड़ रुपये को यदि 75 से भाग किया जाए तो हर जिले को करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये हिस्से में आएंगे। इससे कुछ नहीं होने वाला है।
अनिल सरीन, अध्यक्ष मेरठ स्पोर्ट्स एसोसिएशन
मेरठ के खेल प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए एक इंपोर्ट और एक्सपोर्ट हाउस होना चाहिए। जोकि पिछली सरकार ने बनाने की घोषणा की थी। लेकिन उस पर आज तक कोई काम शुरू नहीं हुआ। इस बार प्रदेश सरकार ने वन सिटी वन प्रोडक्ट पर जो धनाराशि खर्च करने का ऐलान किया है। उससे कुछ नहीं होने वाला है।
धीरज गोयल, बीआर स्पोर्ट्स
वन सिटी वन प्रोडक्ट के लिए 250 करोड़ रुपये कुछ नहीं है। हर जिले के हिस्से में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये ही आएंगे। यहां पर बहुत से ऐसे कारोबारी है जिनका सालाना टर्न ओवर इससे ज्यादा है। सरकार को यदि इस योजना को सफल करना है तो बजट को और बढ़ाना पड़ेगा।
सुबोध कुमार, वैभव स्पोर्ट्स इंडस्ट्री
वन सिटी वन प्रोडक्ट के लिए यह राशि ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है। यह तो इस योजना के साथ एक तरीके से मजाक है। क्योंकि इससे इस योजना पर कुछ नहीं होने वाला है। सरकार को इसको सफल करने के लिए पैसा और बढ़ाना पड़ेगा।
विक्रांत मित्तल, लैंडमार्क स्पोटर्स इंडस्ट्री