- नखासकोहना में चूहों से परेशान हैं व्यापारी, करते हैं लाखों का नुकसार

ALLAHABAD: चूहों का आतंक केवल मुट्ठीगंज इलाके में नहीं बल्कि हर उस एरिया में है, जहां बड़े पैमाने पर बिजनेस होता है। क्योंकि इन इलाकों में अनाज का ढेर लगा होने की वजह से चूहों को भरपेट भोजन जो मिलता है। अनाज खा-खा कर ये चूहे इतने मोटे हो गए हैं कि ये बिल्लियों से भी नहीं डरतें। ट्यूजडे को आईनेक्स्ट रिपोर्टर रेड एफएम टीम के साथ नखासकोहना पहुंचा। जहां गल्ला के व्यापारियों ने चूहों के आतंक की कहानी बताई। कहा कि सालभर में लाखों का नुकसान कर देते हैं ये चूहे।

हर दुकान में मिल जाएगा होल

व्यापारी अन्नू चौरसिया बताते हैं कि चूहे न सिर्फ अनाज खाते हैं, बल्कि दुकानों और गोदामों में होल बना कर रहते हैं। जिसकी वजह से जगह-जगह से पोल हो गया है। जमीन के नीचे की मिट्टी खिसक गई है। इन होलों के जरिये ये चूहे एक जगह से दूसरे जगह अंदर ही अंदर निकल जाते हैं। जिससे इन्हें पकड़ने में दिक्कत होती है।

चूहे करा रहे विवाद

राजकुमार केसरवानी का कहना है कि चूहे विवाद भी करा रहे हैं। चूहों ने दुकानों व घरों में नीचे-नीचे सेंध लगा दिया है। जिसकी वजह से एक घर का पानी दूसरे घर में पहुंच जाता है। अभी कुछ दिन पहले नखासकोहना चौराहे पर दो व्यापारियों में विवाद हुआ। दोनों ने एक-दूसरे पर जमीन की मिट्टी काटने का आरोप लगाया। बाद में पता चला कि ये चूहों की कारस्तानी है।

चूहों से लड़ते हैं मेरे करन अर्जुन

सुरेश चंद्र राठौर ने बताया कि चूहों के आतंक से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। किसी ने चूहे मारने वालों को तय कर रखा है तो किसी ने बिल्लियां पाल रखी हैं। ताकि चूहों के आतंक से मुक्ति मिल सके। इसके बाद भी चूहों से निजात नहीं मिलता। मैने तो दो बिल्लियां पाल रखी हैं। जिनका नाम करन-अर्जुन है। मेरे करन अर्जुन बिल्लियों से लड़ते हैं। उन्हें भगाते हैं।