एक महीने से ठप है चार हजार व्यापारियों का बिजनेस

नहीं मिल रहा है कोई समाधान, अभी तक नहीं आया आईडी-पासवर्ड

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: जीएसटी लागू होने के बाद आईडी और पासवर्ड न मिलने से इलाहाबाद के करीब चार हजार व्यापारियों का कारोबार कोमा में पहुंच गया है। सेल टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से भी कुछ ऐसा पॉजिटिव सामने नहीं आया है जिससे व्यापारी राहत की सांस लें। लाखों का बिजनेस करने वाले इन व्यापारियों को कंपनियों ने माल की सप्लाई ही रोक दी है। लाखों रुपये का टर्नओवर करने वाली बड़ी-बड़ी फर्मो के मालिकों ने बुधवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से यह दर्द बयां किया।

आखिर कितना वक्त और लगेगा

व्यापारियों ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद वैट में रजिस्टर्ड व्यापारी परेशान हैं। कुछ को जीएसटी नंबर मिल गया है और आईडी पासवर्ड नहीं आया है तो कुछ को वह भी नहीं मिला है। इलाहाबाद के देहात से लेकर शहर तक के व्यापारी परेशान हैं। व्यापारियों ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद कहा गया था कि जिनका जीएसटी में रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, आईडी-पासवर्ड नहीं आया है। वे टिन नंबर पर ही सितंबर तक व्यापार कर सकते हैं। लेकिन, जीएसटी में माइग्रेट हो चुके फर्म, कंपनियां और बिजनेसमैन बगैर जीएसटी नंबर के व्यापार करने को तैयार ही नहीं है। इस घाटे के लिए आखिर कौन जिम्मेदार होगा?

आज स्थिति ये है कि 20 परसेंट बिल नहीं कट रहे हैं। व्यापारी के पास कोई व्यवस्था नहीं है। उन्हें समझाने और सिस्टमबताने वाला अधिकारी भी कार्यालय में नहीं मिलता।

संतोष पनामा

उत्तर प्रदेश व्यापार कल्याण समिति

हम माल का कोई ट्रांजेक्शन नहीं कर पा रहे हैं। कंपनी कहती है कि जीएसटी नंबर दो, तभी माल देंगे। सितंबर तक टिन नंबर पर ही व्यापार करने की सरकार ने छूट दी है, लेकिन कंपनियां जीएसटी के बगैर बिजनेस को तैयार ही नहीं हैं। एक महीने से बिजनेस ठप है।

अनिल अग्रवाल

कुमार एसोसिएट्स, हीवेट रोड

वैट में रजिस्टर्ड व्यापारी हों या नया रजिस्ट्रेशन कराने वाले व्यापारी, दोनो परेशान हैं। डेढ़ महीने बाद भी नए रजिस्ट्रेशन का आईडी पासवर्ड नहीं मिला है। जीएसटी नंबर मिल चुका है। बगैर आईडी पासवर्ड के लॉग इन ही नहीं होगा। जीएसटी की साइट पर एक दर्जन से अधिक बार कम्प्लेन कर चुके हैं। अब सवाल ये है कि जुलाई महीने का रिटर्न कैसे दाखिल करेंगे।

रचित अग्रवाल

फर्म- हनुमान प्रसाद-अनिल कुमार, खोया मंडी

गल्ला का व्यापार करने वाली महावीर कंपनी पार्टनरशिप में चलती है। करीब दो महीने पार्टनर के पैन से आईडी पासवर्ड आया था जबकि फर्म के पैन से आईडी-पासवर्ड आना चाहिए। 27 जून को लेटर देकर कम्प्लेन की। एक महीने से अधिक बीत गया, लेकिन अभी तक आईडी पासवर्ड नहीं आया है। जिसकी वजह से व्यापार ठप है। कंपनियां बगैर जीएसटी नंबर के बिजनेस करने को तैयार ही नहीं हैं।

सतीश चंद्र केसरवानी

महावीर एंड कंपनी

करीब चार महीने पहले जीएसटी आईडी-पासवर्ड पर्सनल पैन नंबर से आया था, जो गलत था। फर्म के नंबर से आना चाहिए था। इसके लिए पैन नंबर चेंज करा दिया। चेंजिंग के बाद भी अभी तक आईडी पासवर्ड नहीं आया। खंड अधिकारी से शिकायत के बाद बस यही आश्वासन मिलता है कि रिक्वेस्ट भेज दिया गया है। पासवर्ड आते ही अवेलेबल करा दिया जाएगा।

-अमल अग्रवाल

हाइटेक कंट्रोल, बादशाही मंडी

99 की फर्म है। प्रोविजनल आईडी पार्टनर के पैन पर आई थी। करेक्शन के लिए भेजा। डेढ़ महीने बाद कोई जवाब नहीं आया। व्यापार नहीं हो पा रहा है। ज्यादातर व्यापारी टिन नंबर पर व्यापार करने को तैयार ही नहीं हैं। सेल टैक्स डिपार्टमेंट में शिकायत की तो वहां से कोई मदद नहीं मिली। जीएसटी हेल्प डेस्क को कॉल किया तो नया रजिस्ट्रेशन कराने का सुझाव दिया गया।

संजय सुमानी

श्री बालाजी इलेक्ट्रिकल, शाहगंज

2015 डाटा के अनुसार सेल टैक्स डिपार्टमेंट ने जीएसटी एलाट कर दिया है। जिसका 2015 के बाद चेंज हुआ है, उसको अमेंडमेंट में डाले हैं। अमेंडमेंट नहीं हो रहा है। 2015-16 के बीच में जो करेक्शन हुआ है, वो पुराने डाटा से भेज दिया गया है। कहा जा रहा है कि पोर्टल नहीं खुल रहा है।

जितेंद्र केसरवानी

गल्ला व्यापारी, कीडगंज

यह सही है कि कुछ व्यापारियों का अभी तक आईडी पासवर्ड नहीं आया है। ऐसे व्यापारियों की लिस्ट सभी 14 खंडों से कंपाईल कर 26 जुलाई को जीएसटीएन को भेजी जा चुकी है। जिसके आधार पर जल्द ही व्यापारियों का आईडी पासवर्ड आ जाएगा। पैन कार्ड की वजह से आईडी-पासवर्ड की समस्या ज्यादा है। कई व्यापारियों ने कई फर्म में एक ही पैन लगा रखा है। पार्टनरशिप फर्म के पैन की भी समस्या है।

विवेक कुमार सिंह

डिप्टी कमिश्नर कॉमर्शियल टैक्स

रजिस्ट्रेशन का एक तरीका ये भी है

वैट में रजिस्टर्ड जिन व्यापारियों का अभी तक आईडी पासवर्ड नहीं आया है, उनके लिए जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन का एक और तरीका है

वे जीएसटी की साइट पर नए रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करें

रजिस्ट्रेशन के दौरान उनसे पुराने टिन नंबर के बारे में पूछा जाएगा

पुराने टिन नंबर के साथ ही अन्य डिटेल देने पर पुरानी डिटेल अपडेट हो जाएगी

रजिस्ट्रेशन जल्द से जल्द होने के बाद आईडी-पासवर्ड मिल जाएगा