PATNA : कश्मीर देंगे मगर शर्त है कि साथ में आपको बिहार भी लेना होगा। यह एक पैकेज डील है। या तो दोनों अन्यथा कुछ नहीं, हम सिर्फ कश्मीर नहीं देंगे। एक बार मुशर्रफ को भी अटल बिहारी वाजपेयी ने यह प्रस्ताव दिया था। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्केडेय काटजू ने ये बातें फेसबुक पर पोस्ट की है। बिहार का माखौल उड़ाने वाले पोस्ट को लेकर बिहार की राजनीति गर्म हो गई है। क्या जदयू, क्या बीजेपी सभी ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। हर तरफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार की देर शाम जदयू की ओर से काटजू के खिलाफ राजधानी के शास्त्री नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया है।

बर्दाश्त नहीं बिहार का माखौल उड़ाना

जदयू की ओर से एमएलसी नीरज कुमार के शास्त्रीनगर थाने में काटजू के खिलाफ रिटेन कंप्लेन की थी। जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की और फिर एफआईआर दर्ज किया। मंगलवार की दोपहर नीरज थाने पर पहुंचे थे। उन्होंने साफ किया कि किसी भी हाल में बिहार का माखौल उड़ना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एमएलसी ने इस मामले में जांच कर कार्रवाई करने की मांग पटना पुलिस से की है। दूसरी ओर सिटी एसपी पटना सेंट्रल चंदन कुशवाहा ने कहा कि, कंप्लेन मिला है मामले की जांच की जा रही है।

तो उनकी शाम कैसे कटेगी?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए कहा कि कुछ लोगों को छपने की बीमारी होती है। उन्होंने कहा कि बिहार का कोई माई-बाप है क्या? इसका क्या मतलब कि कश्मीर के साथ हम बिहार को भी देने को तैयार हैं? बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है। आज के भारतवर्ष से भी बड़े भू-भाग में एक समय बिहार से शासन चलता था। यह चाणक्य और आर्यभट्ट की धरती रही है। असल में बहुत लोगों की यह समस्या है कि आजकल अगर वे बिहार में आएंगे तो उनकी शाम कैसे कटेगी?

कमजोर नही समझें बिहार को

डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि काटजू जी को यह जानना चाहिए कि बिहार के पास संसाधनों की कमी जरूर है पर इसका मतलब यह नहीं कि कोई कुछ भी विषवमन करे बिहार के बारे में। बिहार ने हमेशा देश को अच्छे और बुरे समय में राह दिखाई है। लोग यह नहीं भूलें कि बिहार में साहस, धैर्य, ताकत और दिमाग है। बिहार में दृढ़ रहने की ताकत है। जो चंपारण सत्याग्रह को जानते हैं उन्हें बिहार में प्रतिकार की ताकत का पता है।