- सुरक्षा के नाम पर बड़ा खिलवाड़, बिना वैरीफिकेशन के रह रहे सैकड़ों लोग

- अवैधरूप से रह रहे लोगों ने कॉलोनी के पते पर बनावा लिए आधार कार्ड भी

- वीआईपी कॉलोनी के गैराज में बना दिया आशियाना

LUCKNOW :

राजधानी के हार्ट ऑफ सिटी कहे जाने वाली बटलर पैलेस कॉलोनी की सिक्योरिटी भगवान भरोसे है। इस कॉलोनी में कई मिनिस्टर, जज, विधायक, सरकारी अधिकारी और सीनियर जर्नलिस्ट रहते हैं। लेकिन इनकी सिक्योरिटी के लिए यहां कोई इंतजाम नहीं हैं। सबसे बड़ा खतरा कॉलोनी में बसी अवैध बस्ती है, जिसमें रह रहे लोगों का कभी कोई वेरिफिकेशन ही नहीं किया गया है। हालात यह है कि यहां आवंटित आवासों में जितने परिवार रह रहे हैं, उससे ज्यादा लोग अवैध रूप से कॉलोनी में बसे हैं।

नंबर गेम

158 आवास हैं कॉलोनी में

48 गैराज हैं कॉलोनी में

30 गैराज में रह रहे हैं लोग

ॉलोनी में कितने मकान

ब्लॉक सी - 84

ब्लॉक बी - 30

ब्लॉक डी - 20

टाइम 4 - 20

टाइप ए - 04

गैराज बन गया आशियाना

राज्य संपत्ति विभाग की वीआईपी कॉलोनी बटलर पैलेस में करीब 158 सरकारी आवास और करीब 48 गैराज हैं। ज्यादातर गैराज जज, सरकारी अफसर और विधायकों के लिए आवंटित किए गए हैं। इन गैराज में सरकारी गाडि़यां खड़ी होने की जगह आवासों में तब्दील कर दिया गया है। 30 से ज्यादा गैराज ऐसे हैं, जहां लोग परिवार के साथ रह रहे हैं।

किसी का सत्यापन नहीं

बटलर पैलेस कॉलोनी के चारों तरफ अवैध रूप से सौ से ज्यादा परिवार रहे रहे हैं। इनमें से किसी का राज्य संपत्ति विभाग और पुलिस विभाग ने सत्यापन नहीं कराया है। यही नहीं अवैध रूप से रहने वाले बहुत से लोग यहीं पर छोटा-मोटा कारोबार भी चला रहे हैं।

कॉलोनी के पते पर आधार कार्ड

अवैध बस्ती में रहने वाले बहुत से लोगों ने कॉलोनी के पते से न केवल बैंक अकाउंट खुलवा लिए हैं बल्कि कई के पास तो आधार कार्ड भी मौजूद है। कुछ वर्ष पहले यहां अवैध रूप से रहने वालों के लिए राज्य संपत्ति डिपार्टमेंट ने मुहिम चलाई थी। इन लोगों को यहां से हटाने के साथ उनके रहने के लिए डूडा कॉलोनी की व्यवस्था भी की गई थी। लेकिन डूडा कॉलोनी लेने वाले अधिकतर लोगों ने या तो उसे बेच दिया या फिर किराए पर उठा दिया है। लेकिन वे आज भी यहीं रह रहे हैं.

अवैध बस्ती बनी खतरा

इस कॉलोनी में जज, मिनिस्टर, विधायक और आईएएस, आईपीएस, पीसीएस अधिकारियों के अलावा सीनियर जर्नलिस्ट के घर हैं। इन सभी के लिए अवैध बस्ती बड़ी समस्या बन गई है। कॉलोनी में रहने वालों का कहना है कि दिन भर यहां बाहरी लोगों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा हो गया है। डर लगा रहता है कि कहीं कुछ हो न जाए। कई लोगों ने तो सिक्योरिटी रीजन से पार्क में खेलने जाने से भी रोक रहे हैं।

झील बनी लवर्स प्वॉइंट

कॉलोनी की झील लवर्स के लिए सेफ प्वाइंट बन गई है। मेन गेट में एंट्री को लेकर कोई पूछताछ नहीं होती, इसका फायदा उठाकर प्रेमी युगल अंदर आ जाते हैं और झील के आस पास दिन भर बैठे रहते हैं। झील के पास जो जंगल है, वहां नशा करते लोग दिखाई देते हैं।

अफसर बने मुसीबत

सरकारी गैराज और अवैध बस्ती में रहने वाले अधिकतर लोग कॉलोनी में रहने वाले अफसरों, विधायकों के घरों में काम करते हैं। जब भी इन्हें हटाने का आदेश होता है तो इनके समर्थन में ये लोग सिफारिश करने लगते हैं।