इसलिए है रवि शास्त्री और गांगुली में अनबन
रवि शास्त्री और सौरव गांगुली की प्रतिद्वंद्विता खेलप्रेमियों से छुपी नहीं है। बीसीसीआई ने जब अनिल कुंबले को टीम इंडिया का कोच बनाया तो ये खटास खुलकर सामने आ गई थी। जिस सलाहकार समिति ने कुंबले का चयन किया था गांगुली उसका हिस्सा थे। कोच के रूप में कुंबले का नाम फाइनल किए जाने के बाद रवि और गांगुली के बीच की यह कड़वाहट सार्वजनिक हुई थी। इस विवाद के बाद दोनों पूर्व क्रिकेटरों ने भारतीय क्रिकेट टीम के 500वें टेस्ट के जश्न में कानपुर में एक साथ नजर आए थे। धोनी के शॉर्टर फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने के निर्णय के तुंरत बाद टीम इंडिया के पूर्व डायरेक्टर रवि शास्त्री के एक बयान ने नए विवाद को जन्म दे दिया है।

इन्हें किया बेस्ट कप्तान की सूची में शामिल

रवि शास्त्री ने धोनी को न सिर्फ दादा कप्तान बताया बल्कि गांगुली को सर्वश्रेष्ठ भारतीय कप्तानों की सूची से बाहर भी कर दिया। शास्त्री ने कहा दादा कप्तान को मेरा सलाम। उन्होंने कहा कि धोनी सारी महत्वपूर्ण जीतें हासिल कर चुके हैं। उन्हें अब कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है। इसलिए मैं उन्हें भारत का सबसे सफल कप्तान मानता हूं। इस मामले में और कोई उनके आसपास भी नहीं है। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर शास्त्री ने कहा इस मामले में धोनी के पीछे कपिल देव हैं जिनके नेतृत्व में भारत ने 1983 में वर्ल्डकप जीता था। 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती।

कुछ ऐसा है दादा का रिकॉर्ड
वनडे क्रिकेट के पहले वाले युग में अजित वाडेकर थे जिन्होंने 1971 में वेस्टइंडीज और फिर इंग्लैंड में लगातार टेस्ट सीरीज जीतीं। अलग स्टाइल के कारण टाइगर पटौदी भी शानदार कप्तान रहे। सौरव ने 49 टेस्ट में भारतीय टीम कप्तानी की और उनका जीत का रेट 42.6 प्रतिशत रहा। गांगुली की कप्तानी ने टीम इंडिया ने 147 मैचों में से 76 में जीत हासिल की जबकि 66 में उसे हारना पड़ा। हालांकि धोनी का कप्तन के रूप में रिकॉर्ड अपने पूर्ववर्ती कप्तान से बेहतर है लेकिन गांगुली को बहुत पीछे नहीं माना जा सकता है।

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