- बेमौसम बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त

- सोमवार को दिन भर चली हवा, शाम को फिर बारिश

-रविवार को अनवरत बारिश से दलहनी व तिलहनी फसलें चौपट

- बर्बादी देख किसान बेहाल, फसलों की लागत तक मिलना मुश्किल FATEHPUR: खराब मौसम ने ऐसा कहर बरपाया कि किसान बरबादी के कगार में पहुंच गया। अब तो उसके सामने परिवार के भरण पोषण का संकट आ सकता है। सोमवार को दिन भर तेज हवा चली और शाम को फिर बारिश हुई। बारिश किसानों पर आफत बनकर टूटी है। बेमौसम बारिश से दो अरब से अधिक का नुकसान माना जा रहा है। यमुना कटरी के तीन सौ गांवों में तो खेतों में पकी खड़ी दहलन व तिलहन की फसल गिरकर बर्बाद हो गई है। सिंचाई विभाग के मुताबिक बारिश से चालीस फीसदी से अधिक फसलें बरबाद हो गई है। अब तो किसानों को रबी की फसलों से अपनी लागत तक निकाल पाना मुश्किल दिख रहा है।

बादल कई दिन से छाए थे। कब बारिश होने लगे इसका अंदेशा था। रविवार को भोर से शुरू हुई बारिश लगातार होती रही। सोमवार सुबह से हवा के तेज झोंके चलने लगे। इससे गेहूं की फसल के साथ दलहन, तिलहन तक बरबाद हो गए। गेहूं की फसलों में बाली निकल आई थी, जो बारिश के बाद चली हवा से गिर गई। सोलह घंटे की अनवरत बारिश ने रबी फसल से उम्मीद पाले किसानों को तबाही की राह में खड़ा कर दिया।

अमौली के किसान राम नरेश, धाता के नरसिंह पटेल, भिटौरा के राम पूजन पटेल, बहुआ के प्रमोद द्विवेदी, देवमई के रामदेव सिंह समेत कई किसानों का कहना था कि बेमौसम बारिश से चना, लाही, अरहर, मसूर, मटर, धनिया सहित अन्य फसलों को भारी क्षति हुई। दलहनी व तिलहनी फसलें तो पूरी तरह से बरबाद हो गई। गेहूं की फसल हवा चलने से गिर गई है। इस बार तो फसलों से लागत तक नहीं निकल पाएगी।

बिंदकी संवाद सहयोगी के अनुसार यमुना कछार क्षेत्र में अधिकतर मसूर, चना, अलसी, लाही व सरसों की ही खेती होती है। इस समय इन फसलों में फूल आने के साथ फली भी आ चुकी थी। ऐसे में बारिश ने सारा कुछ बरबाद हो गया। यमुना कछार के किसान रामपूजन निषाद, रमेश पाल ने बताया कि मंसूर, अलसी तो खेत में गिर कर मिट्टी से चिपक गई है। इन स्थितियों में किसान बीज भी वापस नहीं ले जा पाएगा। लाही और सरसों भी बारिश में खराब हो गए। यमुना कछार क्षेत्र के गांव बिंदौर निवासी शिवबाबू, राम भवन समेत कई किसानों का कहना था कि हम लोग तो बरबाद हो गए हैं। यमुना कछार में भुखमरी जैसे हालात पैदा आ सकते हैं।

बरबाद हुई फसलें, सर्वे होगा

जिला कृषि अधिकारी रविकांत सिंह ने स्वीकार कि ज्यादा बारिश से दलहनी व तिलहनी फसलों को तो भारी नुकसान हुआ गेहूं की फसल भी हवा में टूट कर गिरी है। उन्होंने कहा कि आई आपदा में क्षति का सर्वे कराया जाएगा और किसानों को मुआवजे देने के लिए शासन को लिखा जाएगा।