सक्षम है या नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग के सचिव को हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि क्या केंद्र इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (आईएसपी) को पॉर्न साइट्स बंद करने को लेकर निर्देश जारी करने में सक्षम है या नहीं. जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया है. पेशे से वकील कमलेश वासवानी की याचिका पर मनडे को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्देश जारी किया.

विशेष कानून

आईएसपी ने कोर्ट को बताया था कि वो पॉर्न साइट्स को सरकार के निर्देश पर ही बंद कर सकते हैं. इसके बाद शीर्ष अदालत ने यह निर्देश जारी किया. याची का कहना है कि इस तरह की वेबसाइट्स की वजह से महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे है. वासवानी के वकील विजय पंजवानी ने आरोप लगाया कि पॉर्न साइट्स को बंद करने को लेकर सक्षम तंत्र विकसित करने में केंद्र नाकाम रहा है. उनके मुताबिक, इंटरनेट के लिए विशेष कानून न होने की वजह से लोग इस तरह की साइट्स को देखते हैं, क्योंकि यह अपराध नहीं है. उन्होंने इंटरनेट के जरिये पॉर्न वीडियो के आदान-प्रदान को गैरजमानती अपराध बनाने की मांग की है.

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