-आई एक्सक्लूसिव

- कांशीराम हॉस्पिटल समेत बिल्हौर व घाटमपुर पीएचसी में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए आई मशीनें

- हार्ट और डायबिटीज का भी ग्रामीण क्षेत्रों में मिलेगा पूरा इलाज, जांच से लेकर दवाएं भी होंगी उपलब्ध

KANPUR:

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के अलावा ब्रेस्ट कैंसर के मामलों को शुरुआती स्टेज में पकड़ने के लिए अब बड़े अस्पतालों की दौड़भाग करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। जिले की दो प्रमुख सीएचसी व कांशीराम हॉस्पिटल में जाकर ही इसकी पहचान हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की पहल पर बिल्हौर व घाटमपुर सीएचसी और कांशीराम हॉस्पिटल में ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए मशीनों से जांच शुरू हो गई है।

नई मशीन से कम होगी भागदौड़

सीएमओ डॉ। आरपी यादव ने बताया कि महिलाओं में सर्वाइकल के बाद सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर की ही प्रॉब्लम सामने आती है, लेकिन कई बार इसकी पहचान होने में ही काफी देर हो जाती है। ऐसे में अब ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं में इसका समय से पता लगाने के लिए सीएचसी स्तर पर ही इसकी स्क्रीनिंग की सुविधा शुरू कर दी गई है। इसके लिए बिल्हौर व घाटमपुर सीएचसी में ब्रेस्ट आई मशीनें लगाई गई हैं। इसके अलावा कांशीराम हॉस्पिटल में भी इसकी सुविधा मिलेगी। इन मशीनों को चलाने के लिए पैरामेडिकल स्टॉफ की ट्रेनिंग भी शुरू कर दी गई है।

सीएचसी में मिलेगी डायबिटीज और हाटर् की दवाएं

सीएमओ डॉ। यादव ने बताया कि ऐसी बीमारियां जिनके लिए सुपरस्पेशिएलिटी इलाज की जरुरत होती है, उनसे जुड़ी दवाईयों को भी अब सीएचसी स्तर पर ही उपलब्ध कराया जाएगा। इनमें अभी हार्ट और डायबिटीज से जुड़ी दवाएं और जांच की सुविधा शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं दो सीएचसी में अभी यह सुविधा शुरू की जा रही है। इसके बाद कई दूसरी बीमारियों के लिए भी ग्रामीणों की बड़े हॉस्पिटलों में भागदौड़ कम करने के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर एक नजर में-

- ब्रेस्ट कैंसर के 4 फीसदी मामलों में उम्र 20 से 30 साल के बीच

- 28 फीसदी मामलों में महिलाओं में 40 से 50 साल की उम्र के दौरान बे्रस्ट कैंसर

- महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बजाय ब्रेस्ट कैंसर से ज्यादा मौतें

- 47,500 से ज्यादा मौतें हर साल ब्रेस्ट कैंसर से