- गैरसैंण को राजधानी बनाने के लिए एक और आंदोलन की जरूरत

- 5ाजपा, कांग्रेस, यूकेडी, सीपीएम, ट्रेड यूनियन व छात्र संघ पदाधिकारी हुए शामिल

DEHRADUN : गैरसैंण को राज्य की राजधानी बनाने की मांग की लेकर विभिन्न राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, ट्रेड यूनियन और छात्र संगठन शनिवार को एक मंच पर एकत्रित हुए। इस दौरान उन्होंने राज्य की वर्षो पुरानी इस मांग पर एक बार फिर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने का आह्वान किया। खास बात यह थी कि विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोगों से दलगत भावना से ऊपर उठकर इस विषय पर अपनी बात रखी।

हिन्दी भवन में हुई परिचर्चा

अनेक राज्य आंदोलनकारियों और संगठनों ने गैरसैंण राजधानी निर्माण विषय को लेकर हिन्दी भवन में परिचर्चा का आयोजन किया था। इस परिचर्चा में भाजपा, कांग्रेस, सीपीएम, यूकेडी, बसपा आदि राजनीतिक दलों के साथ ही सीटू और एटक जैसी ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारियों और छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

सरकारों पर लगाए आरोप

इस अवसर पर वक्ताओं ने राज्य में अब तक की सभी सरकारों पर गैरसैंण मुद्दे का भटकाने और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। वक्ताओं का कहना था कि भाजपा और कांग्रेस बारी-बारी से सत्त पर काबिज रहे, लेकिन दोनों दल इस मुद्दे को भटकाते रहे। वक्ताओं ने गैरसैंण में आयोजित किये जाने वाले विधानसभा सत्र को भी लोगों को गुमराह करने का प्रयास बताया।

छात्र नेताओं में उत्साह

परिचर्चा के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं, राज्य आंदोलनकारियों और सामाजिक संगठनों के लोगों ने तो अपनी बात रखी ही, छात्र नेताओं ने भी जोरदार तरीके से गैरसैंण को राजधानी बनाने का समर्थन किया। छात्र नेताओं का कहना था कि अलग राज्य की लड़ाई लड़ चुके लोग युवाओं का मार्ग दर्शन करें, युवा और छात्र इस लड़ाई का अंजाम तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे।

पलायन व बेरोजगारी रहे मुद्दे

गैरसैंण को राजधानी बनाने की इस चर्चा में पलायन और बेरोजगारी मुख्य मुद्दे रहे। वक्ताओं का कहना था कि अलग राज्य आंदोलन का पहला उद्देश्य पलायन और बेरोजगारी को खत्म करना ही था, लेकिन राज्य निर्माण के 17 साल बाद भी ऐसा नहीं हो पाया है और अब सरकार को पलायन आयोग गठित करने की जरूरत पड़ी है। कुछ वक्ताओं ने यहां तक आरोप लगाये कि इस तरह के आयोग अपने लोगों को फिट करने के लिए बनाये जाते हैं।

पहले जनसंवाद फिर आंदोलन

परिचर्चा में इस बात पर सहमति बनी कि गैरसैंण राजधानी के लिए जल्द जन संवाद कार्यक्रम की शुरुआत होगी। जिला और ब्लॉक हेड क्वार्टर पर छोटी-छोटी गोष्ठियां करके लोगों की राय ली जाएगी। इसके बाद बड़ी सभाएं की जाएंगी और फिर आंदोलन छेड़ दिया जाएगा।

ये थे मौजूद

इस परिचर्चा का आयोजन मुख्य रूप में राज्य आंदोलनकारी मोहन भुलानी, रघुवीर सिंह बिष्ट और लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल ने किया था। वक्ताओं में मुख्य रूप से देव सिंह रावत, रविन्द्र जुगरान, इंद्रेश मैखुरी, योगेश भट्ट, कर्नल अजय कोठियाल, सचिन थपलियाल, समर भंडारी, मोहन रावत उलराखंडी, शोभाराम आदि शामिल थे। जनकवि अतुल शर्मा और जगदीप सकलानी ने जनगीत गाया।