लो महंगी हो गई कारें
मोदी सरकार ने उत्पाद शुल्क में दी गई रियायत को वापस ले लिया गया है. इसके बाद ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अपनी कारों की कीमतों में अधिकतम सवा लाख रुपये की बढ़ोतरी की गई है. बीते साल फरवरी में अंतरिम बजट में वाहनों पर शुल्क छूट प्रदान की गई थी. उत्पाद शुल्क में रियायत की यह अवधि 31 दिसंबर, 2014 को समाप्त हो गई थी. ऑटो कंपनियों ने इस रियायत के अलावा लागत में बढ़ोतरी को भी कीमत वृद्धि का कारण बताया है. यह मूल्य वृद्धि एक जनवरी से लागू मानी जाएगी.

होंडा ने बढ़ाए दाम
होंडा सिएल कार्स इंडिया ने सोमवार को अपनी कारों के दाम 60 हजार रुपये तक बढ़ाए थे. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने मंगलवार को विभिन्न मॉडलों के दाम 7,850 रुपये से लेकर 31 हजार 600 रुपये तक बढ़ा दिए. कंपनी का शुरुआती मॉडल अल्टो साढ़े आठ से 12,700 रुपये तक महंगा हो जाएगा. वहीं, मिडसाइज सेडान सियाज की कीमत 31 हजार रुपये तक बढ़ जाएगी. भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी हुंडई मोटर इंडिया ने वाहनों की कीमतों में 1.27 लाख रुपये तक का इजाफा किया है. कंपनी की छोटी कार ईऑन के दाम में सबसे कम 15 हजार और प्रीमियम कार सेंटा फे में 1.27 लाख रुपये तक की वृद्घि की गई है. जनरल मोटर्स (जीएम) ने अपने सभी मॉडलों को 15 हजार रुपये से लेकर 61 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी कर दी है. देश की सबसे बड़ी वाहन कंपनी टाटा मोटर्स ने भी कहा है कि वह भी अपने सभी मॉडलों के दाम बढ़ाएगी.

बढ़ गए टू-व्हीलर्स के भी दाम
हीरो मोटो कॉर्प ने भी उत्पाद शुल्क छूट वापसी का बोझ ग्राहकों पर डालने की बात कही है. हालांकि, उसने यह नहीं बताया है कि दोपहिया वाहनों के दाम कितने बढ़ाए गए हैं. हीरो के अलावा अन्य दोपहिया कंपनियों ने नए साल में अपनी कीमतों में बदलाव किए हैं. वैसे, उनकी ओर से कीमत वृद्धि को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है.

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