अब स्टूडेंट्स के फीडबैक पर काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी को ग्रेडिंग मिलेगी। नेशनल असेसमेंट एक्रिडिएशन काउंसिल (नैक) पीयर टीम के आगमन की डेट तो अभी क्लीयर नहीं हो सका है लेकिन यह तय माना जा रहा है कि बहुत से ऐसे बदलाव हुए हैं जिसमें स्टूडेंट्स को लाभ मिलेगा। मूल्यांकन के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में नेशनल असेसमेंट एक्रिडिएशन काउंसिल (नैक) की पीयर टीम जनवरी में आने की संभावना है। मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने नैक को आईआईक्यूआर व एसएसआर ऑनलाइन प्रेषित कर चुका है। हालांकि अब नए नियम के तहत 70 परसेंट मा‌र्क्स ऑनलाइन भेजे गए आंकड़ों के आधार मिलने हैं। इसमें भी स्टूडेंट्स ही अब सिरमौर हैं। ऑनलाइन स्टूडेंट्स के फीडबैक पर बकायदा अंक निर्धारित है। नए नियम में पीयर टीम का महत्व कम कर दिया गया है। अब पीयर टीम के हाथ में महज तीस परसेंट ही है। इसके पीछे कुछ संस्थाएं पीयर टीम का स्वागत-सत्कार कर अच्छी ग्रेडिंग हासिल करने में सफल हो जा रहे थे। इतना ही नहीं शैक्षिक संस्थाएं भी अच्छे विद्यार्थियों को नैक टीम के सामने प्रस्तुत कर प्रभाव बनाने में सफल हो रही थी। इसे देखते हुए ऑनलाइन मूल्यांकन के आधार पर 70 फीसद अंक तय कर दिए गए हैं। इसके तहत संस्थानों को अब अध्ययनरत विद्यार्थियों के नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल अनिवार्य रूप से नैक को ऑनलाइन उपलब्ध कराना है। ताकि ऑनलाइन स्टूडेंट्स का फीड बैक लिया जा सके। इस क्रम में विद्यापीठ ने 70 परसेंट स्टूडेंट्स का डेटा नैक को प्रेषित कर दिया है। साथ ही संस्था हित में स्टूडेंट्स को जागरूक भी किया जा रहा है। ग्रेडिंग की अवधि समाप्त नैक से विद्यापीठ को मिली ग्रेडिंग की अवधि 15 सितंबर को ही समाप्त हो गई है हालांकि निर्धारित अवधि के भीतर ही विद्यापीठ ने नैक को पुन: मूल्यांकन अनुरोध पत्र भेज दिया है। पिछली बार विद्यापीठ को 'बी' ग्रेड मिला था। आईक्यूएसी सेल के प्रो। केएस जायसवाल ने बताया कि नई गाइड लाइन के अनुसार स्टूडेंट्स के नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल नैक को ऑनलाइन प्रेषित किया जा चुका है। अच्छी ग्रेडिंग के लिए स्टूडेंट्स को नैक के बारे में जानकारी भी दी जा रही है। हाईलाइटर - पीयर टीम के हाथ में महज 30 फीसद अंक, 70 फीसद ऑनलाइन मूल्यांकन - भेजा आंकड़ा, छात्रों को जागरूक करने में जुटा काशी विद्यापीठ प्रशासन