- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित आईआईटी करियर काउंसलिंग में स्टूडेंट्स ने समझा कॅरियर गोल मेकिंग का महत्व

- डीएमए व दीवान पब्लिक स्कूल में आईआईटी काउंसलिंग में क रियर लांचर डॉ। विक्रांत जावला ने दिए टिप्स

मेरठ। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित आईआईटी कॅरियर काउंसलिंग-सीजन 4 के तहत बुधवार को स्टूडेंट्स को करियर सलेक्शन की गाइडेंस देने के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। मोदीपुरम स्थित दयावती मोदी एकेडमी और वेस्ट एंड रोड स्थित दीवान पब्लिक स्कूल में आयोजित इस सेशन में कक्षा 7 से 11वीं तक के बच्चों ने भाग लिया।

विजन हो क्लियर

इस दौरान कॅरियर काउंसलर डा। विक्रांत जावला ने बच्चों से रुबरू होकर उनकी समस्याओं को न केवल समझा बल्कि कॅरियर निर्माण में आने वाली परेशानियों को भी बेहतर तरीके से हल किया। उन्होंने कहा कि दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 10 सीजीपीए आते ही सोसाइटी, पेरेंट्स और खुद स्टूडेंट्स यह मानने लगते हैं कि अब उन्हें साइंस ही लेना चाहिए। गोल सेट होने की बजाय स्टूडेंट्स माइंड सेट के हिसाब से अपना स्ट्रीम चुन लेते हैं और यहीं से प्रॉब्लम शुरू हो जाती है। गलत विषयों के चुनाव की वजह से अधिकतर स्टूडेंटस वह नहीं कर पाते जिसमें उनकी रूचि होती है और पिछड़ जाते हैं या मेंटल ट्रोमा फेस करते हैं।

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कॅरियर चुनाव करने समय ध्यान रखें यह बातें

-प्रॉडक्ट नॉलेज लें

-जिसमें रूचि हो, जो अच्छा कर सकते हैं उसी दिशा में कॅरियर बनाएं।

- लक्ष्य क्लियर होना चाहिए।

- सेल्फ स्टडी से पढ़ाई करें

- स्कूल में विषयों पर ध्यान दें ।

- एकाग्रता बनाएं ।

- अपनी प्लानिंग खुद करें, दूसरे को जिम्मेदार न ठहराएं।

- जो भी करना चाहें उसकी पूरी जानकारी जुटाएं ।

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अधिकतर स्टूडेंट्स अपनी रुचि से नहीं, बल्कि दूसरों के कहने से अपना फ्यूचर डिसाइड करते हैं, लेकिन दसवीं तक उन्हें कॅरियर गोल सेट कर लेने चाहिए। 11वीं में उस दिशा में पूरी तैयारी ध्यान लगाकर शुरु कर देनी चाहिए। टॉप इंस्टीट्यूट में जाने का गोल क्लियर होना चाहिए। वहीं बेहतर है। वही चुने जिसमें अच्छा कर सकते हैं।

-डा। विक्रांत जावला, कॅरियर काउंसलर व मोटिवेशनल स्पीकर

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आज के दौर में बच्चों के लिए कॅरियर काउंसलिंग जरूरी है.कॉम्पटीशनटफ है और चुनौतियां ज्यादा है। जो फोकस्ड है, अपने गोल के लिए क्लियर है, वही आगे जा सकता है। बच्चों के साथ पेरेंट्स को भी चाहिए कि वह बच्चों पर एक पर्टिकुलर स्ट्रीम का प्रेशर न बनाएं बल्कि उनकी रुचि को समझें और उसी में आगे बढ़ाएं।

-रितु दीवान

प्रिंसिपल, दयावती मोदी एकेडमी

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हमारी सोसाइटी में साइंस का ट्रेंड सेट है। जबकि दूसरी स्ट्रीम्स में स्टूडेंट्स न केवल बेहतर कर रहे हैं बल्कि स्कोप भी कहीं ज्यादा है। बच्चों को वहीं करना चाहिए जिसमें वह अपना सौ प्रतिशत दे सकते हैं। इंट्रेस्ट होगा तो काम में मजा भी आएगा और सफलता भी मिलेगी।

-एचएम राउत, प्रिंसिपल, दीवान पब्लिक स्कूल

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स्टूडेंट्स व पेरेंट्स साइंस स्ट्रीम पर ज्यादा फोकस करते हैं लेकिन अब मिथ टूट रहे हैं। स्टूडेंट अपनी रुचि के हिसाब से अपने गोल सेट कर रह हैं और यह अच्छा भी है। सातवीं-आठवीं से ही स्टूडेंट्स को अपनी रुचि के विषय क्लियर हो जाते हैं। अगर स्टूडेंट्स इसके अनुसार आगे विषय चुनता है तो उसका कॅरियर निश्चित ही ब्राइट होगा।

-राजीव ढाका, कोर्डिनेटर, दयावती मोदी एकेडमी