- 190 मैट्रिक टन सब्जियां महानगरों में भेजी गईं मार्च से मई के बीच

-झारखंड की सब्जियां तीन से चार घंटे के बीच महानगरों में पहुंच जाती हैं

- फ्रेंचबीन, मटर, कटहल और फूलगोभी जैसी सब्जियां भेजी जाती हैं महानगरों में

- बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर इस साल चार जनवरी से कार्गो सेवा की हुई है शुरुआत

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RANCHI (17 न्ह्वद्द)

झारखंड की सब्जियां अब हवाई सफर कर रही हैं। हवाई जहाज का मजा लेकर वह दिल्ली, बंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों के फाइव स्टार होटलों और घरों में पक भी रही हैं और सर्व भी हो रही हैं। यही नहीं मुजफ्फरपुर की लीची भी झारखंड होते हुए हवाई सफर कर मुंबई जा रही हैं। इससे कार्गो टर्मिनल की आय तो बढ़ी ही है, महानगरों के लोगों को भी झारखंड की हरी और ताजी सब्जियों का स्वाद चखने का मौका मिल रहा है। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल के जूनियर एग्जीक्यूटिव तरुण कुमार ने बताया कि सब्जियों के सीजन यानि की मार्च से मई के दौरान हजारों किलों सब्जियां दिल्ली-मुंबई और बंगलुरु में भेजी गयी हैं। इनमें सबसे अधिक सब्जियां इंडिगो की फ्लाइट से भेजी गयी हैं क्योंकि उसकी 9 फ्लाइट यहां से ऑपरेट हो रही हैं। झारखंड से महानगरों की हवाई यात्रा करनेवाली सब्जियों में फ्रेंचबीन, मटर, कटहल और फूलगोभी जैसी सब्जियां शामिल हैं।

190 मैट्रिक टन सब्जियों ने किया सफर (बॉक्स)

झारखंड से मार्च से लेकर मई तक गो एयर और इंडिगो की फ्लाइट में 190 मैट्रिक टन सब्जियों ने हवाई सफर किया है। इसके अतिरिक्त करीब 57 किलो कटहल भी इंडिगो की फ्लाइट से महानगरों में भेजी गयी हैं। मुजफ्फरपुर से झारखंड होते हुए इंडिगो की फ्लाइट से लीची भी मुंबई भेजी गयी थी। रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर इसी वर्ष चार जनवरी से कार्गो सेवा की शुरुआत हुई थी। इसके बाद झारखंड की ताजी सब्जियां बड़ी मात्रा में महानगरों में एयर कार्गो सर्विस से भेजी गयी हैं।

हर माह 7.50 लाख है कार्गो टर्मिनल की इन्कम (बॉक्स)

जनवरी में जब एयरपोर्ट पर कार्गो टर्मिनल शुरु हुआ था तो इसकी मासिक आमदनी साढ़े तीन लाख रुपये थी। अप्रैल में यह बढ़कर दस लाख रुपये प्रतिमाह तक पहुंच गयी। एयर कार्गो की मासिक आय औसतन साढ़े सात लाख रुपए है। कार्गो टर्मिनल पर इसके अलावा बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे मोबाइल, लैपटॉप, ज्वेलरी, ब्लड सैंपल और अन्य सामान आते और भेजे जाते हैं। वायुसेवा के जरिये भेजे जानेवाले सामान के लिए यहां एक्सप्लोसिव टेस्ट और एक्स रे मशीन लगी हुई है। इनसे जांच होने के बाद ही इन्हें वायुयान में रखा जाता है।