- टर्नर रोड पर 50 हजार रुपए की 20 सोलर कैट आई लाइट्स का अता-पता नहीं

- टर्नर रोड, लैंसडाउन चौक व बंगाली कोठी के पास लगाई गई थीं पौने 6 लाख की कैट लाइट्स

DEHRADUN: राजधानी के तमाम इलाकों में एमडीडीए ने मुख्य सड़कों पर पौने छह लाख रुपए की सोलर कैट आई लाइट तो लगाईं, लेकिन आज इन्हें ढूंढना भी मुश्किल हो रहा है। टर्नर रोड का ही उदाहरण लें तो यहां भ्0 हजार की लागत से कैट आई लाइट्स लगाई गईं थीं, लेकिन रोड पर अब एक भी लाइट नहीं दिखाई दे रही।

आरटीआई में हुआ खुलासा

टर्नर रोड निवासी सीवेंद्र सिंह ने पिछले साल ख्ख् अगस्त को सूचना के अधिकार के तहत दून के तमाम इलाकों के सड़कों पर लगाई गई सोलर कैट लाइट्स के बारे में जानकारी मांगी थी। यही नहीं सूचना के अधिकार में अपीलकर्ता ने प्रति लाइट कीमत सहित फर्म का नाम भी पूछा था। बदले में एमडीडीए ने दून शहर में कैट आई लाइट न लगाए जाने का उत्तर दिया। लेकिन अपीलकर्ता संतुष्ट नहीं हुआ तो द्वितीय अपील मुख्य सूचना आयुक्त कार्यालय तक पहुंच गई। इसके बाद एमडीडीए क्7 अप्रैल ख्0क्7 के जवाब में स्पष्ट किया कि दून में टर्नर रोड पर भ्0 हजार कीमत की ख्0 कैट लाइटें लगाई गई हैं, जिनमें एक लाइट की कीमत ढाई हजार रुपए है। इसके अलावा एमडीडीए ने इसी कड़ी में लैंसडाउन चौक के आस-पास क्00 कैट लाइटें लगाए जाने की बात कही है, जिनकी कीमत एक लाख 9भ् हजार रुपए बताई गई। ऐसे ही बंगाली कोठी के पास भी क्भ्0 कैट लाइटें लगाए जाने की बात निगम ने की, जिनकी लागत तीन लाख फ्0 हजार रुपए बताई गई।

सूचना आयुक्त ने दिए जांच के आदेश

टर्नर रोड, लैंसडाउन चौक व बंगाली कोठी के पास एमडीडीए ने कुल भ् लाख 7भ् हजार यानि पौने छह लाख रुपए की सोलर कैट लाइट लगाए जाने की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत दी है। यह भी जानकारी दी है कि टर्नर रोड पर प्राधिकरण के ट्रांसपोर्ट प्लान जगमोहन सिंह द्वारा रोड स्टार कंपनी, लैंसडाउन चौक पर मै। भोला सिंह कंस्ट्रक्शन निवासी ओल्ड डालनवाला द्वारा रोड स्टार कंपनी और बंगाली कोठी के पास मै। यश कंस्ट्रक्शन कंपनी निवासी ईसी रोड देहरादून द्वारा रोड स्टार कंपनी की सोलर कैटस आई लाइट लगाई गई हैं। लेकिन इन तीन इलाकों में से टर्नर रोड की हकीकत यह है कि यहां मुख्य सड़क के बीचोंबीच से किसी भी प्रकार की सोलर कैट लाइट नजर नहीं आती है। हालांकि अभी भी सड़क पर कैट लाइट के बने हुए खांचे आसानी से नजर आ जाते हैं। लेकिन कैट लाइट का नामोनिशान कहीं दूर तक नजर नहीं आता। लैसडाउन चौक पर भी रात में कुछ जगमगती लाइटें तो नजर आती हैं, लेकिन जितनी लाइट्स लगाने का दावा किया गया है उतनी नहीं दिखाई देतीं। क्9 अप्रैल को मुख्य सूचना आयोग में सोलर कैट लाइट क्वालिटी का मामला पहुंचने के बाद मुख्य सूचना आयुक्त ने एमडीडीए को दिशा-निर्देश दिए। कहा, अपीलकर्ता ने इन लाइटों की गुणवत्ता के संबंध में आयोग का ध्यान आकर्षित किया है, जो महत्वपूर्ण बिंदु है। इस बावत जांच करवाई जाए और गुणवत्ता में कमी पाई जाने पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।