- खाटी इलाहाबादियों की यही है आदत

- जहां मन किया वहीं व्हीकल पार्क कर दिया

ALLAHABAD: स्मार्ट सिटी बनने जा रहे इलाहाबाद के ट्रैफिक को कंट्रोल करना और जाम के झाम से मुक्ति दिलाना आसान नहीं है। क्योंकि यहां के लोगों को मनमानी की आदत है। जो ट्रैफिक सिस्टम पर भारी पड़ रही है। यहां के लोगों की कभी भी, कहीं भी व्हीकल खड़ा करने की आदत है। जिसकी वजह से सड़क की ब्0-भ्0 फीट चौड़ी सड़कें भी सिकुड़ी हुई नजर आती हैं। आइए बताते हैं सिटी में पर डे कहां-कहां कैसी स्थिति होती है

लक्ष्मण मार्केट रोड

क्क् बजे के बाद गायब हो जाती है सड़क

पुराने शहर का सबसे इंपार्टेंट और फेमस मार्केट है 'लक्ष्मण मार्केट' जो मानसरोवर चौराहे से सुलाकी चौराहे के बीच में स्थित है। दोनों चौराहों के बीच की सड़क ब्0 से भ्0 फीट चौड़ी है। दिन में दस बजे से पहले तो ये चौड़ी सड़क दिखाई देती है। लेकिन क्क्-क्ख् बजे के बाद तो पूरी सड़क ही गायब हो जाती है। क्योंकि पूरे रोड पर गाडि़यां खड़ी हो जाती है। बस इतना रास्ता बचता है कि एक फोर व्हीलर और बाइक निकल सके। जिसकी वजह से इस रोड पर भीषण जाम लगता है। बुधवार को भी लक्ष्मण मार्केट के बाहर यही स्थिति थी।

चौक-बहादुरगंज रोड

इस माल रोड से गुजरेंगे तो फसेंगे ही

आईनेक्स्ट टीम बुधवार को दिन में करीब एक बजे बहादुरगंज चौराहे से चौक तरफ निकली तो बहादुरगंज से चौक के बीच में रोड पर ही बीच-बीच में कई टाटा मैजिक, छोटा हाथी के साथ ही ट्रकें खड़ी हुई मिली। कहीं सामान उतारा जा रहा था तो कहीं लोड हो रहा था। सड़क पर खड़े इन लोडेड वाहनों की वजह से व्हीकल नहीं निकल पा रहे थे और थोड़ी-थोड़ी दूर पर जाम लग जा रहा था।

सुभाष चौराहा

रोड पर ही खड़े थे कार

सिविल लाइंस के महात्मा गांधी रोड और सुभाष चौराहा के चारों तरफ रोड पर व्हीकल खड़े न हों, इसके लिए अक्सर अभियान चलता है। इसके बाद भी बुधवार को जब टीम आईनेक्स्ट उधर से गुजरी तो रोड के किनारे सड़क पर ही सैकड़ों व्हीकल खड़े हुए दिखाई दिए। इंदिरा भवन के बाहर भी सड़क पर कई कार खड़ी थी। जो सिविल लाइंस एरिया में आए लोगों की नहीं, बल्कि एडीए के साथ ही सेलटैक्स और अन्य विभागों के अधिकारियों की थी। जिसकी वजह से बार-बार जाम की स्थिति बन जा रही थी।