JAMSHEDPUR: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के निर्देशानुसार शहर के वूमेंस कॉलेज में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू कर दिया गया है। इसे लागू करने के लिए वूमेंस कॉलेज प्रबंधन की बैठक प्राचार्या डा। ऊषा शुक्ला की अध्यक्षता में शनिवार को हुई थी। बैठक में विभागों के प्रमुख व प्रो। इंचार्ज डा। पूर्णिमा कुमार उपस्थित थीं। बैठक में सभी ने इसी सत्र से सीबीसीएस को लागू करने पर सहमति प्रदान की। सोमवार से प्रारंभ होने वाली कक्षाएं इस सिस्टम के अधीन होंगी। कोल्हान में इस सिस्टम को लागू करने वाला यह पहला कॉलेज होगा। हालांकि कोल्हान विश्वविद्यालय ने भी अपने कॉलेजों में इस सिस्टम को लागू करने का मन बना रखा है लेकिन इस सत्र में यह लागू कर पाना संभव नहीं दिख रहा है।

कुल ख्8 क्रेडिट होंगे

च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम में कोर्स के हर सेमेस्टर में चार कोर सब्जेक्ट और एक इलेक्टिव सब्जेक्ट होगा। छात्र इसका चुनाव ब्क् इलेक्टिव सब्जेक्ट में से कर सकेंगे। हर इलेक्टिव कोर्स के लिए न्यूनतम क्0 और अधिकतम फ्0 छात्रों का होना जरूरी है। कोर्स इस तरह से डिजाइन किया गया है, उसमें कुल ख्8 क्रेडिट होंगे। इसके मुताबिक ख्ब् क्रेडिट कोर सब्जेक्ट के लिए और ब् क्रेडिट इलेक्टिव सब्जेक्ट के लिए हर सेमेस्टर में तय किए जाएंगे।

क्या है सीबीसीएस

च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत विद्यार्थी अपनी अभिरुचि के अनुसार विषय की पढ़ाई कर सकते हैं। फाउंडेशन कोर्स में विद्यार्थियों को इंग्लिश लैंग्वेज, वैल्यू एजूकेशन और पर्सनालिटी डेवलपमेंट की भी शिक्षा दी जाएगी। इस व्यवस्था से पाठ्यक्रम में समग्रता और एकरूपता आएगी। यही नहीं इसमें विद्यार्थियों को कॉलेज बदलने की भी सुविधा होगी।

च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के क्या हैं फायदे

देश के सभी विश्वविद्यालय जहां ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई होती है्र वहां कोर्स ड्यूरेशन, एग्जाम पैटर्न मार्किंग में काफी अंतर होता है। स्टूडेंट को बाउंडिंग है कि वे साइंस के साथ कॉमर्स या आ‌र्ट्स नहीं पढ़ सकते हैं, यानी एक साथ दो स्ट्रीम को नहीं पढ़ सकते हैं। सीबीसीएस लागू होने के बाद इससे मुक्ति मिलेगी।

अन्य विश्वविद्यालय से भी कर सकते हैं पढ़ाई

सीबीसीएस लागू होने के बाद छात्र विश्वविद्यालय से किसी कोर्स में जितने क्रेडिट की पढ़ाई पूरी कर लेंगे, उसके आगे की पढ़ाई वह देश के अन्य विश्वविद्यालय से कर सकेंगे। इससे छात्रों का समय भी बचेगा और जहां एडमिशन लिया है, वहां से कोर्स पूरा करने की बाध्यता से उन्हें मुक्ति भी मिलेगी।

पढ़ने की आजादी मिलेगी : सेमेस्टर सिस्टम में कोर्स क्रेडिट में डिवाइड होगा। क्रेडिट से तय होता है कि वह कोर्स कंटेंट कितने घंटे का होगा। कोई भी छात्र कोर सब्जेक्ट के अलावा अपने पसंद के हिसाब से दूसरे प्रोफेशनल या अन्य कोर्स की पढ़ाई साथ- साथ कर सकता है।