- सुबह 10 बजे पंचनामा भरने के बावजूद पुलिस ने शाम 4.30 बजे मच्र्युरी भेजी लाश

- खाने के बारे में सीबीआई टीम ने आर्यन रेस्टोरेंट में की पड़ताल

- तीन दोस्तों से भी टीम ने की पूछताछ

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW:

कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की लाश का पंचनामा भरने के बाद मच्र्युरी भेजने में पुलिस ने साढ़े छह घंटे जाया कर दिये। यह खुलासा हुआ है सीबीआई टीम की जांच में। जानकारी मिलने के बाद टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पुलिस का यह लेट रिएक्शन किसी दबाव के चलते था या फिर यह उसके द्वारा बरती गई लापरवाही का एक और नमूना भर था। वहीं, अनुराग तिवारी की मौत की टाइमिंग पता करने की कोशिशों में जुटी टीम ने आर्यन रेस्टोरेंट में उनके द्वारा खाए गए खाने के बारे में पड़ताल की है।

लापरवाही या दबाव?

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, बीती 17 मई की सुबह मीराबाई मार्ग पर सरेराह अनुराग तिवारी की लाश बरामद होने के बाद पुलिस सिविल हॉस्पिटल ले गई थी। जहां सुबह 8 बजे हजरतगंज पुलिस ने पंचनामा की कार्यवाही शुरू की। सुबह 10 बजे पंचनामा का काम पूरा हो गया। नियमत: पंचनामा की कार्यवाही पूरी होने के बाद लाश को केजीएमयू की मच्र्युरी भिजवाना होता है। पर, अनुराग के मामले में पुलिस ने ऐसा नहीं किया। लाश को सिविल हॉस्पिटल की मच्र्युरी में ही रखवा दिया गया। सीबीआई टीम को हैरत तब हुई जब मच्र्युरी के सूत्रों से उन्हें पता चला कि लाश को शाम 4.30 बजे के बाद मच्र्युरी लाया गया। सीबीआई टीम जांच कर रही है कि लाश को मच्र्युरी भेजने में साढ़े छह घंटे का इंतजार आखिर क्यों किया गया। इसके पीछे किसी का दबाव था या फिर यह भी एक और लापरवाही का नमूना था।

खाई थी वेज थाली

अनुराग की मौत की असल टाइमिंग का पता करने की भरसक कोशिश कर रही सीबीआई टीम ने आर्यन रेस्टोरेंट में भी पड़ताल की है। दरअसल, पोस्टमार्टम के दौरान अनुराग के पेट से अधपचा खाना निकलने के बाद सीबीआई टीम यह पता करने में जुट गई थी आखिर, अनुराग ने मौत से पहले क्या खाया था। पड़ताल में पता चला है कि अनुराग ने 16 मई की रात राजभवन के करीब स्थित आर्यन रेस्टोरेंट में वेज थाली खाई थी। जबकि, उनके साथ मौजूद एलडीए वीसी पीएन सिंह ने नॉनवेज थाली ऑर्डर की थी।

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डॉक्टर दोस्त बोला, पूरी तरह फिट थे अनुराग

सीबीआई टीम ने संडे को अनुराग के तीन दोस्तों को पूछताछ के लिये तलब किया। बहराइच निवासी और अनुराग के सबसे करीबी डॉक्टर दोस्त ने सीबीआई टीम को बताया कि अनुराग अपनी सभी मेडिकल रिपोर्ट उनसे शेयर करते थे। सभी मेडिकल रिपो‌र्ट्स नॉर्मल थीं जिससे साफ पता चलता है कि अनुराग की मौत स्वाभाविक नहीं थीं। वहीं, लखनऊ में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे दूसरे दोस्त ने बताया कि घटना के बाद से वह भी अनुराग की मौत की गुत्थी को सुलझाने में जुटा था। उस दोस्त ने सीबीआई टीम को खुद के जुटाए तमाम प्वाइंट्स गिनाए जिससे साफ पता चलता है कि अनुराग की मौत स्वाभाविक नहीं बल्कि हत्या थी।

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भतीजी ने यूट्यूब पर डाला मार्मिक वीडियो

अनुराग की असामयिक मौत ने न सिर्फ उनके परिजनों को सदमें में ला दिया है बल्कि, 12 साल की भतीजी ऊमशि को भी भीतर तक तोड़ कर रख दिया है। चाचा अनुराग को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानने वाली ऊमशि ने तीन दिन पहले यूट्यूब पर '॥श्रठ्ठद्गह्यह्ल4 2द्बह्लद्ध ह्यद्मद्बद्यद्यह्य-ढ्ढन्स् न्ठ्ठह्वह्मड्डद्द ञ्जद्ग2ड्डह्मद्ब' नाम से साढ़े तीन मिनट का वीडियो अपलोड किया है। जिसमें अनुराग की तमाम फोटोग्राफ को शामिल किया है। हर फोटोग्राफ पर ऊमशि ने अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। इस मार्मिक वीडियो की बैकग्राउंड में फिल्म 'नमस्ते लंदन' के गाने 'मैं जहां भी रहूं तेरी याद साथ है' को शामिल किया है। इस वीडियो को संडे शाम तक 1347 लोग देख चुके हैं। अनुराग के भाई मयंक तिवारी ने बताया कि ऊमशि उनके भाई आलोक की छोटी बेटी है। अनुराग ऊमशि को बहुत प्यार करते थे। शिवभक्त अनुराग ने ही 'ऊं नम: शिवाय' का शॉर्टफॉर्म बनाकर उसका नाम ऊमशि रखा था।