मथुरा: रिफाइनरी से बिटुमिन चोरी करने के मामले में विगत दिनों सीबीआइ की आमद से चोरों के कुनबे में कलह होने लगी। पूछताछ के दौरान एक आरोपी ने दूसरे पर ठीकरा फोड़ा तो दूसरे ने प्रत्यारोप में पहले वाले की करतूत बता दी। एक-दूसरे के खिलाफ दी जानकारियों से सीबीआइ अपनी पड़ताल में पुख्ता जमीन तैयार कर रही है। इसी सिलसिले में वह आगामी दिनों में प्लांट के तत्कालीन कर्मियों से पूछताछ कर सकती है.राया निवासी अशोक के परिजनों ने खुद के टैंकर को एक रिश्तेदार द्वारा बिटुमिन चोरी की वारदात में उपयोग करने की बात सीबीआइ के समक्ष कही थी। जबकि उस रिश्तेदार ने सीबीआइ को बताया था कि टैंकर अशोक के नाम है और वह खुद ही उसका उपयोग करता था। चार साल पहले रिफाइनरी के प्लांट पर क्लर्क स्तर के कर्मचारियों से मिलीभगत कर बिटुमिन चोरी करने के लिए उनसे सौदेबाजी की थी। क्लर्कों ने इस साजिश में सिक्योरिटी गार्डों को भी शामिल किया था। बिटुमिन चोरी से होने वाली आय में से दो हिस्से होते थे। एक हिस्से की रकम बिटुमिन चोर आपस में बांटते थे। दूसरे हिस्से की रकम कर्मचारी, अफसर व सिक्योरिटी गार्ड लेते थे। दो साल टैंकरों के जरिए करोड़ों रुपये का बिटुमिन चोरी किया गया। तेल चोरों के दूसरे गुट ने इसकी शिकायत थाना पुलिस, रिफाइनरी के उच्च अधिकारियों से की। पेट्रोलियम मंत्रालय के जरिए मामले को सीबीआइ को सौंपा गया। अब डेढ़ साल से सीबीआइ बिटुमिन से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है। रिफाइनरी के अफसरों ने उन लोगों के तबादले कर दिए, जो मिलीभगत के आरोपी थे।

बिटुमिन चोरी में मुख्य कड़ी थे 'यादव जी'

वर्ष 2014 तक रिफाइनरी के बिटुमिन प्लांट पर 'यादव जी' तैनात थे। यहां तैनात अधिकांश कर्मचारी उनके इशारे पर चलते थे। सभी ट्रांसपोर्टर भी उन्हीं के प्रभाव में रहते थे। इन्हीं से बिटुमिन चोरों ने संपर्क साधा था। दिनभर वह प्लांट से भरे टैंकरों को निकलवाते और रात भर बिटुमिन चोरों के साथ पार्टी का लुत्फ लेते थे। उनको बिटुमिन चोरों पर अटूट भरोसा था। तभी खुद के फ्लैटों को कभी अपना नहीं बताया। इन फ्लैटों की देखरेख बिटुमिन चोर करते थे और किराया उन तक पहुंचाते थे। जब से सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू की, तब से वह और बिटुमिन चोर साथ नजर नहीं आए।

'यादव जी' के यहां भी दस्तक दे चुकी है सीबीआइ

एक साल पहले सीबीआइ की टीम टाउनशिप क्षेत्र स्थित 'यादव जी' के घर भी दस्तक दे चुकी है। तब सीबीआइ को उनके घर से महंगी साड़ी, जेवर और फ्लैट, मकान, दुकानों के बैनामे के दस्तावेज और बिटुमिन चोरी से संबंधित कागज मिले थे।