डिप्टी सीएमओ डॉ। योगेंद्र सिंह सचान की जेल में हुई हत्या की जांच सीबीआई ने शुरु कर दी है। हाईकोर्ट ने थर्सडे को जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला सुनाया था। सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद फ्राइडे को केस दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी। लेकिन राजधानी पुलिस ने अभी तक सारे पेपर सीबीआई को नहीं सौंपे हैं। जल्द ही सीबीआई की टीम जेल जाएगी और घटनास्थल का निरीक्षण करेगी।
SIT का गठन
सूत्रों के अनुसार ज्वाइंट डायरेक्टर जावीद अहमद के नेतृत्व में बनी एसआईटी में छह सदस्य होंगे। जिसके एप्रूवल के लिए डायरेक्टर सीबीआई को मेल भेजा गया है। वहां से हरी झंडी मिलते ही एसआईटी भी अपना काम शुरु कर देगी। अभी सीबीआई के लोग पुलिस द्वारा की गयी विवेचना और सीजेएम द्वारा की गयी जांच का अध्ययन कर रहे हैं। कई सुबूत मिटा दिये जाने के बाबत एक सीबीआई अधिकारी ने बताया कि किसी भी मामले में सीबीआई को जांच फौरन नहीं मिल जाती। ऐसे में ज्यादातर जांच में कई सुबूत नष्ट हो चुके होते हैं। डॉ। सचान के केस में सीजेएम की रिपोर्ट भी अहम है। इस पूरे केस की इंवेस्टीगेशन सीबीआई की लखनऊ युनिट ही करेगी। सूत्रों का कहना है कि मधुमिता केस की जांच करने वाले अधिकारियों को भी जांच में शामिल किया जाएगा।
Mastermind तो एक ही है
सूत्रों का मानना है कि सचान की मौत की इंवेस्टीगेशन के दौरान अगर घोटालों की बात सामने आती है और मौत की वजह घोटाले मिलते हैं तो सीबीआई हाईकोर्ट में घोटालों की जांच करने के लिए अर्जी दे सकती है। डॉ बीपी सिंह और डॉ। विनोद आर्या की हत्या की जांच भी अगर सीबीआई को मिलती है तो सीबीआई के लिए तीनों इंवेस्टीगेशन एक साथ करने में थोड़ा आसानी होगी। क्योंकि तीनों हत्याओं के पीछे मास्टरमाइंड एक ही माना जा रहा है.